उत्तराखंड में पांच बेटों की सामूहिक शादी, समाज को मिला फिजूलखर्ची कम करने का संदेश

उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां एक ही परिवार के पांच बेटों की शादी एक…

Mass wedding of five sons in Uttarakhand, society gets the message to reduce wasteful expenditure

उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां एक ही परिवार के पांच बेटों की शादी एक साथ संपन्न हुई। इस सामूहिक विवाह ने समाज में फिजूलखर्ची को कम करने और पारिवारिक एकता को बनाए रखने का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया। विवाह समारोह पूरे पारंपरिक जौनसारी रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ, जिसमें स्थानीय परंपराओं का पूर्ण रूप से पालन किया गया।

पंजिया गांव के निवासी कलम सिंह और उनके भाई देशराज के परिवार ने यह फैसला किया कि वे अपने पांच बेटों की शादी एक ही दिन करेंगे। इससे न केवल पूरे परिवार को एक साथ आने का अवसर मिला, बल्कि विवाह से जुड़े अनावश्यक खर्चों को भी नियंत्रित किया गया।

विवाह समारोह विकासनगर के एक वेडिंग पॉइंट में बड़े हर्षोल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान गांव की पुरानी परंपरा के अनुसार ‘रहिणी भोज’ का आयोजन भी किया गया, जिसमें गांव की बहू-बेटियों को विशेष सम्मान दिया गया।

यह विवाह केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं था, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बना। जहां आजकल शादियों में बेहिसाब खर्च किया जाता है, वहीं इस परिवार ने यह साबित किया कि सादगी के साथ भी विवाह को भव्य और यादगार बनाया जा सकता है। शादी समारोह के दौरान गांव के बुजुर्गों ने इस पहल की सराहना की और इसे जौनसार बावर की संस्कृति और मूल्यों को बनाए रखने वाला कदम बताया।

इस अनोखी शादी में सबसे खास बात यह रही कि इससे परिवार में एकता और प्रेम को और अधिक मजबूती मिली। आमतौर पर शादी समारोहों के कारण रिश्तेदारों और परिवारों में दूरियां बढ़ जाती हैं, लेकिन इस सामूहिक विवाह ने पूरे परिवार को एक साथ जोड़ने का कार्य किया।

कलम सिंह ने बताया कि उनके तीन बेटे निजी कंपनियों में काम करते हैं, जबकि उनके भाई देशराज के दोनों बेटे भारतीय सेना में सेवारत हैं। उनके व्यस्त जीवन के कारण परिवार के सभी सदस्य एक साथ नहीं आ पाते थे, इसलिए सामूहिक विवाह का यह निर्णय लिया गया।

इस विवाह समारोह ने समाज को यह संदेश दिया कि पारिवारिक आयोजनों में दिखावे से अधिक आपसी प्रेम और एकता का महत्व होना चाहिए। इस अनोखी शादी ने न केवल पैसे की बचत की बल्कि एक सशक्त सामाजिक संदेश भी दिया कि विवाह को बेवजह खर्च का माध्यम बनाने के बजाय इसे पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ा जाए।

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