केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। पहला रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक बनेगा, जबकि दूसरा गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) तक बनाया जाएगा। ये परियोजनाएं तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देंगी।
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे: 36 मिनट में पूरी होगी यात्रा
🚠 लंबाई: 12.9 किमी
💰 कुल लागत: ₹4,081.28 करोड़
🔹 तकनीक: ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3S)
🔹 यात्री क्षमता: 1,800 यात्री प्रति घंटा, प्रतिदिन 18,000 यात्रियों की क्षमता
इस रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ तक की यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर मात्र 36 मिनट रह जाएगा। यह रोपवे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बनेगा और पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
वर्तमान में केदारनाथ जाने के लिए गौरीकुंड से 16 किमी पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जिसे घोड़ा-खच्चर, पालकी या हेलीकॉप्टर के माध्यम से तय किया जाता है। रोपवे बनने से यात्रियों को हर मौसम में सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।
गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे: श्रद्धालुओं के लिए आसान होगी चढ़ाई
🚡 लंबाई: 12.4 किमी
💰 कुल लागत: ₹2,730.13 करोड़
🔹 तकनीक: मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (MDG) + ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S)
🔹 यात्री क्षमता: 1,100 यात्री प्रति घंटा, प्रतिदिन 11,000 यात्रियों की क्षमता
इस रोपवे के निर्माण से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक की 21 किमी की कठिन चढ़ाई अब केवल कुछ ही मिनटों में पूरी की जा सकेगी।
हेमकुंड साहिब 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और साल में मई से सितंबर तक लगभग 5 महीने खुला रहता है। हर साल यहां 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा, यह रोपवे फूलों की घाटी तक पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के निर्माण और संचालन के दौरान यात्री सेवाओं, आतिथ्य, पर्यटन, खाद्य और पेय पदार्थ (F&B) उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
🚡✨ इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक होने की उम्मीद जताई जा रही है।