उत्तराखंड में एकल महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को मंजूरी दे दी…

CM self-employment scheme approved for single women in Uttarakhand

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, प्रदेश की अविवाहित, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, किन्नर, अपराध और एसिड हमले की शिकार महिलाएं, जिनके बच्चे अवयस्क या अविवाहित पुत्री हैं, दो लाख रुपये तक का ऋण लेकर स्वरोजगार शुरू कर सकेंगी।

सरकार इस ऋण का 75 प्रतिशत यानी डेढ़ लाख रुपये सब्सिडी के रूप में देगी, जिससे महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी। योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सरकार ने 30 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं पहले से संचालित हैं, लेकिन विशेष रूप से एकल महिलाओं के लिए कोई योजना अब तक नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं के तहत महिला उत्थान से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए सरकार ने 18.81 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है।

स्वयं सहायता समूहों को भी मिलेगा फायदा

प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी सरकार लगातार सशक्त कर रही है। ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूती देने के लिए 2016 में मुख्यमंत्री स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना शुरू की गई थी।

अब इस योजना के तहत क्लस्टर स्तरीय संगठन (सीएलएफ) में महिलाओं की व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 15.40 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। इसके अलावा, विभिन्न जिलों में महिलाओं के लिए कार्यशालाओं, कार्यक्रमों और महिला सम्मान समारोहों के आयोजन हेतु 2.30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

लखपति दीदी योजना को भी मिलेगी मजबूती

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार लखपति दीदी योजना के तहत रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर (आरबीआई) के माध्यम से मार्केटिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और क्वालिटी कंट्रोल सेंटर स्थापित कर रही है। इसके लिए अल्मोड़ा के हवालबाग और पौड़ी के कोटद्वार में प्रत्येक सेंटर को 25 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। डिजिटल एमआईएस के तहत 140 मॉडल क्लस्टर के 500 ई-बुक कीपरों को टैबलेट भी दिए जाएंगे, जिससे वे आधुनिक तकनीक के जरिए अपने व्यवसाय को और प्रभावी बना सकें।

महिलाओं के लिए नई उम्मीद बनी सरकार की यह योजना

सरकार की यह नई पहल राज्य की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी बल्कि उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। इससे न केवल वे आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।

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