रमज़ान के पाक महीने और अयोध्या में राम मंदिर में उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच देश में अमन-शांति को भंग करने की साजिश रची जा रही थी। इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए गुजरात एटीएस ने फरीदाबाद एसटीएफ की मदद से एक संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के मिल्कीपुर का रहने वाला अब्दुल रहमान कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट – खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़ा हुआ पाया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसका उद्देश्य राम मंदिर पर हमला करना था और इस योजना को अंजाम देने के लिए उसे आईएसआई से निर्देश और हथियार मिले थे।
गिरफ्तारी के दौरान सुरक्षाबलों को उसके ठिकाने से दो जिंदा हैंड ग्रेनेड बरामद हुए, जिन्हें फरीदाबाद पुलिस ने सुरक्षित रूप से डिफ्यूज कर दिया। अब्दुल रहमान के मोबाइल फोन से ऐसे कई प्रतिबंधित एप्लिकेशन और संदिग्ध सामग्री मिली हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाता है। इसके अलावा, उसके पास से देश के कई बड़े धार्मिक स्थलों की जानकारी वाले वीडियो और दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि वह पिछले कुछ महीनों से इन स्थलों की रेकी कर रहा था और हमले की योजना बना रहा था।
पूछताछ के दौरान अब्दुल रहमान ने खुलासा किया कि उसने हथियारों को फरीदाबाद के पाली इलाके में एक खंडहर मकान में छिपा रखा था। इस सूचना के आधार पर गुजरात एटीएस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया। करीब चार घंटे तक चली तलाशी के बाद दो जिंदा हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया और किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को वहां आने-जाने की इजाजत नहीं दी।
हरियाणा पुलिस के मुताबिक, अब्दुल रहमान फिलहाल एसटीएफ की कस्टडी में है, क्योंकि उसकी गिरफ्तारी फरीदाबाद से हुई थी और मामला वहीं दर्ज किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां उससे गहन पूछताछ कर रही हैं, ताकि इस साजिश से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके। शुरुआती जांच में पता चला है कि आईएसआई ने उसे ट्रेनिंग दी थी और उसे निर्देश दिए थे कि वह देश में बड़े स्तर पर अशांति फैलाने की कोशिश करे।
इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और राम मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। जांचकर्ताओं का मानना है कि इस मामले में अभी और बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि संदिग्ध के फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों की गहन जांच की जा रही है।