देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक संपन्न हुई, जिसमें राज्य के विकास और प्रशासन से जुड़े 17 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में खासतौर पर आबकारी नीति को हरी झंडी दी गई, जिससे राज्य में शराब व्यापार के नियमों में बदलाव किया जाएगा और राजस्व बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
कैबिनेट के फैसलों में शिक्षा, कृषि, रोजगार, कारागार, मत्स्य पालन, पेंशन और सरकारी कर्मचारियों की प्रोन्नति से जुड़े कई अहम निर्णय शामिल हैं। राज्य आंदोलन के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। अब कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को हमारी विरासत और विभूतियां नामक पाठ्यपुस्तक पढ़ाई जाएगी।
तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुए कक्षा 10 के बाद किए गए 3 वर्षीय डिप्लोमा को 12वीं के समकक्ष माना जाएगा। गन्ना किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया गया है, जिसमें अगेती प्रजाति के लिए 375 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के लिए 365 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है।
कैबिनेट ने कारागार विभाग और गृह विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव को मंजूरी दी है। कार्मिक विभाग के कर्मचारियों को प्रोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ दिया जाएगा, जिससे कर्मचारियों के करियर ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS पेंशन स्कीम को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उधमसिंह नगर के पराग फार्म की 1354 एकड़ जमीन को सिडकुल को हस्तांतरित किया जाएगा। वहीं, स्टांप एवं निबंधन विभाग में 29 नए पदों का सृजन किया गया है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए ट्राउट पालन से जुड़ी एक नई योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य के मछली पालकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।