मकान में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर हुआ खाक

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में अग्निकांड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है। ताजा मामला भटवाड़ी के…

A huge fire broke out in the house, goods worth lakhs burnt to ashes

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में अग्निकांड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है। ताजा मामला भटवाड़ी के थलन मंगलपुर गांव का है, जहां बीती रात अचानक भीषण आग लगने से तीन परिवारों के मकान जलकर राख हो गए।

रात्रि करीब 12 बजे विमल नौटियाल, नत्थी प्रसाद नौटियाल और वीरेंद्र नौटियाल के मकानों में अचानक आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि ग्रामीणों को संभलने का मौका भी नहीं मिला। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर सर्विस की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि, तब तक प्रभावित परिवारों की संपत्ति, खाद्यान्न और अन्य सामान जलकर खाक हो चुका था।

गनीमत यह रही कि इस अग्निकांड में किसी व्यक्ति या मवेशी की जान नहीं गई। लेकिन प्रभावित परिवारों के लिए यह घटना किसी बड़े संकट से कम नहीं है, क्योंकि उनका जीवनभर की मेहनत का सामान आग की भेंट चढ़ गया। फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है, और प्रशासन इसकी जांच में जुटा हुआ है।

यह पहली बार नहीं है जब उत्तरकाशी में इस तरह की घटना घटी हो। इससे पहले, दो महीने पहले मोरी विकासखंड के सावणी गांव में भीषण आग लगी थी, जिसमें नौ घर जलकर राख हो गए थे और 21 परिवार बेघर हो गए थे। इस घटना में एक बुजुर्ग महिला और चार मवेशियों की मौत हो गई थी। बेघर हुए लोगों ने सरकारी स्कूल और अन्य ग्रामीणों के घरों में शरण ली थी।

उत्तरकाशी में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं आम होती जा रही हैं, लेकिन आग से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और रणनीति का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत मिल सके।

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