गूगल पे ने अब कुछ लेन-देन पर अतिरिक्त शुल्क लेना शुरू कर दिया है। यदि कोई उपयोगकर्ता अपने बिजली, पानी या गैस के बिल का भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से करता है, तो उसे एक निश्चित सेवा शुल्क देना होगा। यह शुल्क लेन-देन की राशि का 0.5% से 1% तक हो सकता है और इस पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू होगा। हालाँकि, यदि कोई व्यक्ति अपने खाते से सीधे भीम यूपीआई का उपयोग करके भुगतान करता है, तो उसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
जब कोई उपयोगकर्ता गूगल पे से अपने बिल का भुगतान करता है, तो कुल राशि में यह सेवा शुल्क स्वतः ही जुड़ जाएगा। भुगतान करने से पहले ही यह शुल्क दिखाया जाएगा ताकि उपयोगकर्ता को पहले से पता रहे कि उसे कुल कितनी राशि का भुगतान करना होगा।
यदि किसी लेन-देन पर शुल्क लगाया जा रहा है, तो यह भुगतान पृष्ठ पर दिखाई देगा। इसके अलावा, भुगतान के बाद गूगल पे के लेन-देन इतिहास में भी इसे देखा जा सकता है। वहाँ उपयोगकर्ता को मूल बिल राशि और उस पर लगाया गया अतिरिक्त शुल्क अलग से सूचीबद्ध मिलेगा।
यदि किसी कारणवश भुगतान असफल हो जाता है, तो जितनी राशि काटी गई थी, उतनी ही राशि वापस कर दी जाएगी। इसमें भुगतान की गई पूरी राशि और सेवा शुल्क दोनों शामिल होंगे।
भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली में गूगल पे एक महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है। यह वर्तमान में देश के कुल यूपीआई लेन-देन का लगभग 37% भाग संभाल रहा है और इस मामले में वॉलमार्ट समर्थित फोनपे के बाद दूसरे स्थान पर है। हाल ही में, इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लगभग 8.26 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन किए गए हैं।