इस साल जनवरी और फरवरी में अपेक्षा से अधिक गर्मी दर्ज की गई, जिससे लोगों को ठंड से राहत नहीं मिली। अब मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मार्च का महीना भी सामान्य से अधिक गर्म रहेगा और लोगों को मई-जून जैसी तपिश झेलनी पड़ सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय से बारिश न होने और तापमान में अचानक वृद्धि के कारण गर्मी बढ़ रही है। इस साल सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ का असर बेहद कम रहा, जिससे उत्तर भारत में पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई। इसका परिणाम यह हुआ कि मौसम असामान्य रूप से गर्म बना हुआ है और आने वाले दिनों में गर्मी और तेज हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ कमजोर, गर्मी और बढ़ने की आशंका
पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि इस साल सर्दियों में तीन पश्चिमी विक्षोभ आए, लेकिन उनका प्रभाव काफी कमजोर रहा। अब आखिरी पश्चिमी विक्षोभ भी जल्द समाप्त हो जाएगा, जिससे तापमान में और वृद्धि होगी और गर्मी अधिक महसूस की जाएगी।