अल्मोड़ा: हुक्का क्लब में इस बार पुरुषों की बैठकी और महिला होली रहेगी आकर्षण का केंद्र, तैयारियां जोरों पर

अल्मोड़ा, 13 फरवरी: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी भंडार हुक्का क्लब इस वर्ष भी होली महोत्सव को भव्य रूप…

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अल्मोड़ा, 13 फरवरी: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी भंडार हुक्का क्लब इस वर्ष भी होली महोत्सव को भव्य रूप से मनाने की तैयारियों में जुट गया है। संस्था की कार्यकारिणी बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार बैठकी होली और महिला होली दो प्रमुख आकर्षण होंगे।

संस्था के अध्यक्ष धरणीधर पांडे ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हुक्का क्लब सिर्फ अल्मोड़ा ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड में अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, “यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपनी लोकसंस्कृति को संरक्षित करें और अगली पीढ़ी तक इसे पहुंचाएं।”

बैठकी होली: 10 मार्च को होगा वृहद आयोजन

संस्था के सचिव विनीत बिष्ट ने जानकारी दी कि 10 मार्च को बैठकी होली का भव्य आयोजन किया जाएगा। इसमें नगर के प्रसिद्ध गायक और कलाकारों के साथ-साथ अन्य जिलों से भी कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

महिला होली: 12 मार्च को रंगारंग आयोजन

इसके अलावा, 12 मार्च को महिला होली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भाग लेने वाले दलों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कारों की घोषणा की गई है। जो भी दल इस आयोजन में भाग लेना चाहते हैं, वे संस्था भवन में आकर या संस्था के सदस्यों के माध्यम से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

तैयारियों में जुटी संस्था

सचिव विनीत बिष्ट ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बैठक में संस्था के उपाध्यक्ष मनोज साह, उपसचिव रोहित साह, कोषाध्यक्ष ललित मोहन साह, त्रिभुवन गिरी महाराज, हरेंद्र वर्मा, भरत गोस्वामी, चंद्रशेखर कांडपाल, नारायण बिष्ट, मनीष पांडे, बीरेंद्र बिष्ट, यश साह, अभय उप्रेती, विजय चौहान, विनोद थापा, पूजा थापा, कंचन बिष्ट, अभय साह, अजय साह, कैलाश साह, शरद कन्नौजिया, आनंद सिंह बिष्ट सहित कई गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।

अल्मोड़ा में होली महोत्सव का यह आयोजन न सिर्फ स्थानीय लोगों बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक खास आकर्षण रहेगा। हुक्का क्लब की यह परंपरा उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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