सोने और चांदी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण सराफा बाजार में मंदी छा गई है। दामों में तेजी से उछाल आने के बाद ग्राहकों की संख्या घट गई है, जिससे व्यापारी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। सोने की कीमत 87,000 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 94,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गई है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सराफा कारोबारियों का मुनाफा हुआ कम
सोने के दाम बढ़ने से सराफा कारोबारियों का मुनाफा घट गया है। कई व्यापारियों का कहना है कि बढ़ती कीमतों के चलते मेकिंग चार्ज में भी कटौती करनी पड़ रही है। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे सराफा कारोबारियों पर पड़ रहा है, जो पहले से ही ग्राहक कम होने की समस्या से जूझ रहे हैं।
सोने के दाम में गिरावट की उम्मीद
सराफा स्वर्णकार व्यावसायिक कमेटी, नमक की मंडी के संरक्षक राजू मेहरा के अनुसार, सोने के दाम जिस तेजी से बढ़े हैं, उतनी ही तेजी से गिरने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में सोने के भाव 7,000 से 8,000 रुपये तक कम हो सकते हैं। वैश्विक घटनाक्रम और आर्थिक अस्थिरता के कारण सोने की कीमतों में अस्थिरता बनी हुई है।
बाजार पर संकट के बादल
श्री सराफा कमेटी के महामंत्री देवेंद्र गोयल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो बाजार पर संकट गहरा सकता है। अब एक लाख रुपये में कोई ढंग का आभूषण नहीं बन पा रहा। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फैडरेशन, आगरा के अध्यक्ष तरुण सिंह तनु ने भी माना कि सोने की बढ़ती कीमतों ने व्यापार पर बुरा असर डाला है। सहालग के बावजूद बाजार में खरीदार नहीं हैं।
महंगाई के पीछे क्या हैं प्रमुख कारण?
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतों में उछाल के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक कारण जिम्मेदार हैं:
आयात शुल्क में वृद्धि
अमेरिका में ट्रंप सरकार की टैरिफ नीति
यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते वैश्विक अनिश्चितता
डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी
क्या आगे राहत मिलेगी?
बाजार के जानकारों का कहना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां स्थिर होती हैं और सरकार आयात शुल्क में राहत देती है, तो सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। फिलहाल, ग्राहकों और व्यापारियों को सावधानी से निवेश करने की सलाह दी जा रही है।