गैरसैण राजधानी की मांग करने वालों को जेल क्यों? उपपा ने उठाया सवाल, सरकार का पुतला फूंका

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प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते उपपा कार्यकर्ता
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अल्मोड़ा। गैरसैण को राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजे जाने की उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कड़ी प्र​तिक्रिया जताई है। उपपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर राज्य सरकार का पुतला फूंका, सभी ने आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कहा गया कि गैरसैंण राज्य की अस्मिता से जुड़ा है और इस जन भावना को भुनाने के नाम पर अभी तक की सारी सरकारों ने जनता के साथ छल किया है।
प्रदर्शन के दौरान कहा गया कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाये बिना राज्य में कांग्रेस और भाजपा की सरकारो ने अरबों रूपये अस्थाई राजधानी देहरादून में खर्च कर दिये है। कहा कि इसके साथ ही गैरसैंण के नाम पर तिड़कमबाजी का खेल चल रहा है। अब राज्य की भूमि को पूंजीपतियों को लुटाया जा रहा है। विकासप्राधिकरण के नाम पर जनता की गाड़ी कमाई विकास के नाम पर लुट रही है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाए जाने के लिए आंदोलन कर रहे 24 महिलाओं सहित 38 लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वाभिमानी कार्यकर्ताओं ने जमानत लेने से इंकार कर दिया और वर्तमान में सभी आंदोलनकारी चमोली की जेल में हैं। प्रदर्शनकारियों ने चमोली जेल में बंद सभी 35 लोगों को तत्काल जेल से रिहा किए जाने, गैरसैण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने,राज्य के प्राकृतिक संशाधनों की खुली लूट पर रोक लगाए जाने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी,मुहम्मद शाकिब, दिनेश जोशी, रेखा धस्माना, चंपा सुयाल, हेम चन्द्र पांडे, गोपाल राम, रंजना सिंह, राजू गिरी, अमीनुर्ररहमान,लीला आर्या, आनंदी वर्मा, हीरा देवी, मनोज कुमार पंत आदि मौजूद थे। प्रदर्शन के बाद मांग को लेकर सीएम को ज्ञापन भी भेजा गया।

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