सरस्वती शिशु मंदिर जीवनधाम अल्मोड़ा में एडमिशन शुरू, विद्यारम्भ संस्कार से हुई शुभ शुरुआत

अल्मोड़ा: सरस्वती शिशु मंदिर जीवनधाम में नए शैक्षणिक सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में विद्यारम्भ संस्कार…

Admission Begins at Saraswati Shishu Mandir Jivandham Almora, Inaugurated with Vidyārambha Saṃskāra

अल्मोड़ा: सरस्वती शिशु मंदिर जीवनधाम में नए शैक्षणिक सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में विद्यारम्भ संस्कार के साथ इसकी शुभ शुरुआत की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. केसी जोशी, प्रधानाचार्य पूनम जोशी और निर्मला त्रिपाठी ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद हवन यज्ञ और नए छात्रों के लिए विद्यारम्भ संस्कार आयोजित किया गया।

वैदिक मंत्रों और भजन-कीर्तन से गूंजा विद्यालय परिसर
कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्यों ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना की और भजन-कीर्तन से माहौल को भक्तिमय बनाया। गणेश पुष्पांजलि के बाद नए प्रवेशित छात्रों को संस्कारित शिक्षा की दीक्षा दी गई।

“विद्यारम्भ संस्कार बच्चों के भविष्य की नींव”: डॉ. केसी जोशी
मुख्य अतिथि डॉ. केसी जोशी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे 16 संस्कारों में विद्यारम्भ संस्कार सबसे महत्वपूर्ण है। यह बच्चों के जीवन में शिक्षा और संस्कारों की बुनियाद रखता है। विद्याभारती के विद्यालय न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों में भी अपनी संस्कार-आधारित शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं।”उन्होंने कहा, “शिशु मंदिर में सांस्कृतिक मूल्यों और शैक्षणिक उत्कृष्टता का अद्वितीय समन्वय है।”


वहीं, प्रधानाचार्य पूनम जोशी पूनम जोशी ने अभिभावकों से कहा, “बच्चों की प्रथम शिक्षा उनके व्यक्तित्व का आधार होती है।

नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक के लिए एडमिशन ओपन
विद्यालय में नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए एडमिशन प्रक्रिया जारी है। अभिभावक अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 8954144313 पर संपर्क कर सकते हैं।

विशेष गतिविधियाँ: ताइक्वांडो, डांस और आर्ट एंड क्राफ्ट की क्लासेस
सरस्वती शिशु मंदिर में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ताइक्वांडो, डांस और आर्ट एंड क्राफ्ट की विशेष क्लासेस शुरू की गई हैं। इसके साथ ही नवोदय, सैनिक स्कूल घोड़ाखाल और मैथ ओलंपियाड की तैयारी भी कराई जाती है।

एनईपी 2020 के तहत एक्टिविटी-बेस्ड पढ़ाई
विद्यालय में एनईपी 2020 के अंतर्गत एक्टिविटी-बेस्ड पढ़ाई कराई जाती है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देती है।

विद्यालय की खासियत:

  • संस्कार-केंद्रित शिक्षा (Sanskar-Based Education)
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Activities)
  • अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन (Experienced Faculty)

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