महाकुंभ 2025 में संगम स्नान के दौरान मंगलवार शाम श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई। नाव में सवार नौ लोग डूबने लगे, जिनमें से सात को जल पुलिस और गोताखोरों ने बचा लिया, लेकिन 65 वर्षीय सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी रिश्तेदार ललिता लापता हैं।
कैसे हुआ हादसा?
हादसा अरैल घाट के पास हुआ, जब श्रद्धालु नाव से उतरने लगे। संगम पर पानी का बहाव तेज था, जिससे श्रद्धालुओं ने लाइफ जैकेट उतारकर नाव में रख दी। सभी लोग एक साथ एक ओर खड़े हो गए, जिससे नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई।
बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद जल पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और सात लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। चार घायलों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
लापता श्रद्धालु कौन हैं?
सुरेश कुमार अग्रवाल: देहरादून के हनुमान चौक के निवासी, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में ठेकेदार।
ललिता: उनके दोस्त महाबीर की पत्नी, जो परिवार के साथ कुंभ स्नान के लिए आई थीं।
परिजनों को नहीं मिली टोल-फ्री हेल्पलाइन से मदद
सहारनपुर निवासी सौरभ, जो लापता सुरेश कुमार के दामाद हैं, ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ मेला प्रशासन के टोल-फ्री नंबर 1920 पर फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। पहले प्रशासन ने ऐसी किसी घटना के होने से ही इनकार कर दिया, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गई।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
संगम स्नान के दौरान सुरक्षा के अपर्याप्त इंतजाम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रशासन को नाव की क्षमता और सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
टोल-फ्री हेल्पलाइन के सही तरीके से काम न करने पर श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी जा रही है।
क्या करें अगर आप भी कुंभ में जा रहे हैं?
नाव में चढ़ते-उतरते समय सावधानी बरतें और एक साथ खड़े न हों।
लाइफ जैकेट पहनकर ही नाव में यात्रा करें और उसे कभी भी न उतारें।
प्रशासन की ओर से जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और भीड़भाड़ वाले समय में नाव यात्रा से बचें।
लापता श्रद्धालुओं की तलाश जारी है, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उन्हें खोज लिया जाएगा। प्रशासन से अपेक्षा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।