उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद गगोडिया, जिन्हें लोग ‘घन्ना भाई’ के नाम से जानते थे, का निधन हो गया है। उन्होंने देहरादून के श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बीते कुछ दिनों से वे गंभीर रूप से बीमार थे और वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की खबर से उत्तराखंड के कला जगत, प्रशंसकों और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई है।
घनानंद गगोडिया को प्रोस्टेट ग्रंथि संबंधी समस्या थी, जिसके चलते उनका 5 नवंबर 2024 को प्रोस्टेट का ऑपरेशन हुआ था। हाल ही में उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या के कारण दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी ने उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
घनानंद गगोडिया: एक परिचय
जन्म: 1953, गढ़वाल मंडल, उत्तराखंड
शिक्षा: कैंट बोर्ड लैंसडाउन, जिला पौड़ी
करियर की शुरुआत: 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में
रेडियो और दूरदर्शन: 1974 से कई कार्यक्रमों में शामिल
बता दें कि घनानंद गगोडिया ने उत्तराखंड की कई लोकभाषीय फिल्मों में अभिनय किया और अपनी हास्य कला से लोगों का दिल जीता।
उन्होंने उत्तराखंड की लोकप्रिय गढ़वाली और कुमाऊंनी फिल्मों में काम किया, जिनमें शामिल हैं:
घरजवैं,चक्रचाल,बेटी-ब्वारी,जीतू बगड़वाल,सतमंगल्या,ब्वारी हो त यानि,घन्ना भाई एमबीबीएस
घनानंद गगोडिया ने 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा (BJP) के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद वे भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहे।
घनानंद गगोडिया का निधन उत्तराखंड के सांस्कृतिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपनी हास्य कला, नाट्य प्रतिभा और लोक संस्कृति के प्रति समर्पण से लाखों लोगों का मनोरंजन किया और उत्तराखंड की लोकभाषा सिनेमा को नई पहचान दिलाई। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।