बागेश्वर :: बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र के ग्राम सभा हम्टी कापड़ी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय विरुवा बिनौला में दो शिक्षकों के शराब के नशे में धुत होने का मामला सामने आया है। शिक्षकों के इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को दोनों शिक्षकों के निलंबन के आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, विद्यालय में अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें निर्धारित समय पर ग्रामीण और अभिभावक पहुंच गए थे। लेकिन बैठक शुरू नहीं हो सकी, क्योंकि दोनों शिक्षक नशे की हालत में लड़खड़ा रहे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि यह दोनों शिक्षक अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं, जिससे स्कूल का माहौल खराब हो रहा है और छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
जब अभिभावकों ने शिक्षकों से बैठक शुरू करने के लिए कहा, तो उन्होंने नशे में लड़खड़ाते हुए जवाब दिया, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
वीडियो वायरल होते ही जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को दोनों शिक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की अराजकता और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की लापरवाही व अनैतिक गतिविधियों में शामिल शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम की इस कार्रवाई को प्रशासन ने फेसबुक पर भी अपलोड किया है।
ग्रामीणों की नाराजगी और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के सामने आने के बाद ग्रामीणों में भारी रोष है। उनका कहना है कि शिक्षकों की इस गैर-जिम्मेदाराना हरकत के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों में नियमित निरीक्षण किया जाए और शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
उठे सवाल
बागेश्वर जिले की इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र में अनुशासनहीनता की गंभीरता को उजागर किया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश जरूर गया है कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर आगे क्या कदम उठाता है और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाती है या नहीं।