हल्द्वानी:: प्रदेश में बढ़ती नशे की समस्या और बेरोजगारी के खिलाफ चल रहे ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ जन अभियान को और व्यापक बनाने के लिए हल्द्वानी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं और विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और अभियान को पूरे उत्तराखंड में फैलाने का निर्णय लिया।
नशे और बेरोजगारी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन का संकल्प
यह बैठक कालाढूंगी रोड स्थित कैरियर लॉन्चर इंस्टिट्यूट में आयोजित की गई, जहां वक्ताओं ने उत्तराखंड में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और रोजगार के सीमित अवसरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा कि राज्य में 41 सालों के संघर्ष के बावजूद युवाओं को आज भी पर्याप्त रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे नशे की चपेट में आ रहे हैं।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ अभियान को अब वृहद स्तर पर पूरे उत्तराखंड में चलाया जाएगा। इसके लिए हल्द्वानी में एक संयोजक मंडल का गठन किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया।
संयोजक मंडल की घोषणा
अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए एक संयोजक मंडल गठित किया गया, जिसमें निम्नलिखित पदाधिकारियों और सदस्यों को शामिल किया गया:
संयोजक: अशोक डालाकोटी
सह संयोजक: भुवन चंद्र जोशी
सचिव: एडवोकेट मोहन कांडपाल
अन्य सदस्य: विनोद जोशी, उत्तम बिष्ट, बच्ची सिंह बिष्ट, यतीश पंत, संकल्प जोशी, संगीता पांडे, नेहा वैला, देवी दत्त पड़लिया, जमन सिंह मनराल, जीतेंद्र तिवारी, अजय, सुनील रौतेला, एम. पी. साह
जन-जागरूकता अभियान चलाने की रूपरेखा
संयोजक मंडल ने यह निर्णय लिया कि अभियान को सफल बनाने के लिए नुक्कड़ नाटकों, जन सभाओं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ये कार्यक्रम मुख्य चौराहों, कॉलोनियों और ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जा सके।
बैठक में शामिल गणमान्य व्यक्ति
इस बैठक में कई गणमान्य व्यक्तियों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी, भुवन जोशी, डॉ. भूपेंद्र, लीला बोरा, अजय कुमार, भूपाल सिंह धपोला, दीवान सिंह खनी, दिनेश चंद्र उपाध्याय, पूरन बिष्ट, डॉ. निर्मल जोशी, भावना पांडे, आसिफ, रविंद्र सिंह, आर. डी. जोशी,उच्चतम न्यायालय के एडवोकेट रविंद्र गड़िया,चिंताराम, बसंत पांडे और कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे
नशा और बेरोजगारी के खिलाफ नई पहल
बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि यह अभियान सिर्फ नशे के खिलाफ नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार दिलाने और सरकार से इस दिशा में ठोस नीतियों की मांग करने का एक बड़ा आंदोलन होगा।
पी. सी. तिवारी ने कहा, “उत्तराखंड में बेरोजगारी और नशे की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। हमें इसे रोकने के लिए संगठित प्रयास करने होंगे। यह अभियान राज्य में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।”
एडवोकेट मोहन कांडपाल ने कहा, “इस अभियान के माध्यम से हम सरकार पर दबाव बनाएंगे कि वह युवाओं के लिए रोजगार सृजन के ठोस उपाय करे और नशा माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।”
अभियान से जुड़ेगा आम जनता का समर्थन
संयोजक मंडल ने निर्णय लिया कि आने वाले हफ्तों में इस अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत पोस्टर, सोशल मीडिया कैंपेन, जन जागरूकता यात्राओं और अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक युवाओं और नागरिकों को इससे जोड़ा जाएगा।