शनिवार को महाकुंभ मेले में उमड़ी भारी भीड़ के कारण प्रयागराज की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। शहर के हर मार्ग पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग और बढ़ते दबाव के कारण सुबह से रात तक शहरभर में भीषण जाम लगा रहा, जिससे स्थानीय नागरिकों और राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर अंदावा में बाहरी वाहनों को रोके जाने के बावजूद अंदावा से अलोपीबाग चुंगी तक दिनभर ट्रैफिक जाम बना रहा। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को मात्र 2 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 घंटे से भी अधिक समय लग गया। नैनी के नए और पुराने पुलों पर भी जाम की स्थिति गंभीर बनी रही। वहीं, शहर के बालसन चौराहा, पार्वती अस्पताल चौराहा, मेडिकल कॉलेज चौराहा, हिंदू हॉस्टल चौराहा, सीएमपी कॉलेज, सोहबतियाबाग, रामबाग, तुलारामबाग, बाई का बाग सहित अन्य इलाकों में भी पूरे दिन यातायात बाधित रहा।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए 10-12 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। शटल बसों और सवारी वाहनों की कमी के कारण खासकर बुजुर्ग और महिला श्रद्धालु अत्यधिक परेशान हो रहे हैं। शहर में विभिन्न जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है, जिससे कई इलाकों में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। लोग मजबूरी में 5-6 किलोमीटर तक पैदल चलने को विवश हैं।
सवारी वाहनों की कमी का फायदा उठाकर ऑटो और दोपहिया वाहन चालक श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में यात्रियों से कई गुना अधिक किराया मांगा जा रहा है, जिससे बाहर से आए श्रद्धालु आर्थिक रूप से भी परेशान हो रहे हैं।
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था के कारण स्थानीय लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। दोपहिया वाहन से निकलना तक मुश्किल हो गया है। कई लोग सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियां साझा कर रहे हैं और प्रशासन से यातायात सुधारने की मांग कर रहे हैं।
शुक्रवार रात प्रयागराज के मेयर द्वारा व्यापारियों को गाड़ियों की आवाजाही का आश्वासन देने के बावजूद, शहर में उनकी गाड़ियां प्रवेश नहीं कर सकीं। इससे महाकुंभ नगरी में कई जरूरी चीजों की आपूर्ति बाधित हो गई। शनिवार शाम तक दूध की किल्लत बढ़ गई और दवा कंपनियों की गाड़ियां भी जाम में फंसी रहीं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
महाकुंभ मेले के चलते कई श्रद्धालुओं की ट्रेन और फ्लाइट छूट रही हैं। एक श्रद्धालु को लेकर एयरपोर्ट जा रही कार शनिवार सुबह 4 बजे निकली, लेकिन शहर में भारी जाम के कारण वह समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच सका और उसकी फ्लाइट छूट गई। इसी तरह, कई यात्री रेलवे स्टेशन तक भी नहीं पहुंच सके और उनकी ट्रेनें छूट गईं।
शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की कुछ गाड़ियां भी लाल सड़क पर भारी भीड़ में फंस गईं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय के पास सीएम की गाड़ी तो निकल गई, लेकिन उनके साथ चल रही एम्बुलेंस और कुछ अन्य वाहन जाम में अटक गए। पुलिसकर्मियों को तत्काल रूट क्लियर कराना पड़ा, जिससे यातायात थोड़ी देर के लिए सुचारू हो सका।
महाकुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही है। जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग, वाहन प्रतिबंध और भीड़ प्रबंधन की कमियों के कारण शहर की सड़कें ठहर सी गई हैं। यदि जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।