सरकारी नौकरी में रहते हुए सिपाही ने लड़ा विधानसभा का चुनाव, वर्दी में किया जबरदस्त प्रचार भी, अब हुआ निलंबित

दिल्ली पुलिस के सिपाही पंकज शर्मा ने सरकारी नौकरी में रहते हुए दिल्ली विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ा था और उन्होंने चुनाव प्रचार भी…

A constable contested the assembly elections while being in a government job

दिल्ली पुलिस के सिपाही पंकज शर्मा ने सरकारी नौकरी में रहते हुए दिल्ली विधानसभा सीट के लिए चुनाव लड़ा था और उन्होंने चुनाव प्रचार भी वर्दी में ही किया था। सिपाही ने दिल्ली पुलिस व दिल्ली चुनाव आयोग को गलत जानकारियां भी दी ऐसे में अब दिल्ली पुलिस ने सिपाही को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने चुनाव आयोग के संबंध में सूचना दी है। दिल्ली पुलिस की 6वीं बटालियन डीएपी के उपायुक्त पुलिस हर्षवर्धन वी स्वामी ने सिपाही के चुनाव लड़ने और उसके खिलाफ कार्रवाई (निलंबित) की पुष्टि की है। पुलिस उपायुक्त की ओर से जारी ऑर्डर में कहा गया है कि सिपाही पंकज शर्मा (संख्या 3691/डीएपी) राजनीतिक और चुनावी गतिविधियों में शामिल पाया गया है।

सिपाही ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली राज्य विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नाम दाखिल किया था। ये नियम-5, सीसीएस (आचरण) नियम-1965 का स्पष्ट उल्लंघन है। पंकज शर्मा ने चुनाव आयोग कि सामने जो हलफनामा दिया है उसमें खुद को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में बताया, जबकि वह दिल्ली पुलिस में सिपाही के रूप में ड्यूटी कर रहा है। उसने चुनाव आयोग को सभी झूठी जानकारियां दी।

सिपाही पंकज पहले से निलंबित था और उसे 29 जनवरी को ड्यूटी पर आना था लेकिन न तो उसने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट किया और न ही विभाग को सूचित किया। इस मामले में डीडी एंट्री दर्ज की गई है।

पंकज शर्मा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि लोकतंत्र का यह चुनाव स्वर्णिम पन्नों पर लिखा जाएगा दिल्ली में बढ़ता अपराध एक चुनावी मुद्दा है। यह चुनावी मुद्दा दिल्ली वालों के लिए एक सर दर्द भी है। वह छठी बटालियन में तैनात है और सरकारी नौकरी में रहते हुए चुनाव लड़ रहा है।उसे नौकरी करते हुए 22 साल हो गए हैं और दिल्ली में रहते हुए 40 वर्ष हो गए हैं।

वह दिल्ली का नागरिक और वह दिल्ली के लोगों का दर्द अच्छी तरह से जानता है। राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2023 में ऑर्डर दिया था। जीत गए तो विधानसभा जाओगे और हार गए तो ड्यूटी पर आ जाओगे, इसलिए उसने चुनाव लड़ा।

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