उत्तराखंड को अगले महीने नया मुख्य सचिव मिलने की पूरी संभावना है, क्योंकि वर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। उन्हें अब तक दो बार छह-छह महीने का सेवा विस्तार दिया जा चुका है, लेकिन इस बार उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने की संभावना कम मानी जा रही है।
राधा रतूड़ी, जो 1988 बैच की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, पिछले वर्ष मार्च में ही सेवानिवृत्त हो चुकी थीं। लोकसभा चुनाव और बजट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें छह माह का सेवा विस्तार दिया था। इसके बाद समान नागरिक संहिता (UCC) के मसले को देखते हुए उनका कार्यकाल और छह महीने के लिए बढ़ाया गया।
अब, जब उनका कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार नए मुख्य सचिव के रूप में किसे नियुक्त करेगी।
मुख्य सचिव पद के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की सेवा अनिवार्य होती है, जिसे इस समय 1992 बैच के आईएएस अधिकारी आनंद बर्द्धन पूरा कर रहे हैं। उनके बाद वरिष्ठता क्रम में 1997 बैच के आईएएस अधिकारी आरके सुधांशु और लालरिन लियाना फैनई का नाम चर्चा में है। हालांकि, ये दोनों अधिकारी अभी प्रमुख सचिव के पद पर हैं और 30 वर्ष की सेवा की अनिवार्यता पूरी नहीं कर रहे हैं।
ऐसे में सरकार के पास दो विकल्प हैं –
- किसी वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी मुख्य सचिव नियुक्त करना।
- पूर्णकालिक मुख्य सचिव की तैनाती करना।
कुछ राज्यों में वरिष्ठता नियमों में लचीलापन बरतते हुए प्रभारी मुख्य सचिव की नियुक्ति के उदाहरण मिलते हैं।
इसके अलावा, यह भी चर्चा में है कि राधा रतूड़ी ने मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद के लिए आवेदन किया है। इससे संकेत मिलता है कि उनका कार्यकाल अब और आगे नहीं बढ़ेगा और उत्तराखंड को जल्द ही एक नया मुख्य सचिव मिल सकता है।