गांधी की पुण्यतिथि पर अल्मोड़ा में शुरू हुआ ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ जन अभियान

अल्मोड़ा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अल्मोड़ा के ऐतिहासिक नंदा देवी प्रांगण से ‘नशा नहीं, रोजगार दो’…

No Drugs, Give Jobs' Campaign Launched in Almora on Gandhi's Death Anniversary

अल्मोड़ा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अल्मोड़ा के ऐतिहासिक नंदा देवी प्रांगण से ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ जन अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान का उद्देश्य उत्तराखंड को नशा मुक्त और माफिया मुक्त बनाना है, साथ ही युवाओं को नशे के दलदल से निकालकर रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में प्रेरित करना है।


लोकगीतों और नुक्कड़ नाटकों से जनजागरण
अभियान की शुरुआत जनगीतों, नुक्कड़ नाटकों और जन सभाओं के माध्यम से हुई। नगर में मार्च निकालते हुए आंदोलनकारियों ने घर-घर इस संदेश को पहुंचाने की अपील की। सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और कलाकारों ने इसे जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। लोककवि भास्कर भौर्याल, भावना पांडे और सोनी मेहता जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से जनचेतना जगाने का कार्य किया। वहीं, निर्मल दर्शन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र, हल्द्वानी के युवाओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे की लत और उससे उबरने के उपाय प्रभावी रूप से प्रस्तुत किए।


आंदोलन का ऐतिहासिक संदर्भ
इस अभियान की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए संयोजक उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ आंदोलन के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन 2 फरवरी 1984 को चौखुटिया (बसभीड़ा) से शुरू हुआ था, जो आज और अधिक प्रासंगिक हो गया है। अब इसे पूरे प्रदेश में व्यापक रूप से चलाने का निर्णय लिया गया है।


नगर में जन जागरूकता मार्च
कार्यक्रम के बाद आंदोलनकारियों ने नंदा देवी से बाजार तक जनजागरूकता मार्च निकाला। बैनर, पोस्टर और जनगीतों के साथ नारे लगाते हुए उन्होंने यह संदेश दिया कि नशे के व्यापार को बंद कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।


इस अवसर पर आयोजित जनसभा को चंद्रमणि भट्ट, आनंद सिंह बगडवाल, एडवोकेट नारायण राम, पत्रकार रोहित जोशी, मनोवैज्ञानिक डॉ. कोमल शर्मा, बाल प्रहरी के उदय किरौला, नरेश नौड़ियाल, विनीता, शिक्षाविद् नीरज पंत, डीके कांडपाल और दीपा बिष्ट समेत अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने नशे की समस्या पर गहरी चिंता जताते हुए इसे युवाओं और समाज के लिए गंभीर खतरा बताया तथा सरकार से रोजगार को मौलिक अधिकार बनाए जाने की मांग की।


अभियान का अगला चरण बसभीड़ा में 2 फरवरी को
वक्ताओं ने घोषणा की कि ‘नशा नहीं, रोजगार दो’ आंदोलन की 41वीं वर्षगांठ 2 फरवरी को बसभीड़ा (चौखुटिया) में मनाई जाएगी। इस अवसर पर राज्यभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश के जन संगठन सरकार को ज्ञापन भेजकर नशे पर प्रभावी रोक लगाने और रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित करने की मांग करेंगे।


इस अभियान में भाग लेने वाले प्रमुख लोगों में हेम पांडे (पाटिया), विनोद बिष्ट (फलसीमा), मोहम्मद साकिब, विनोद तिवारी, मुस्कान खान, चांदनी खान, एडवोकेट मनोज पंत, एडवोकेट जीवन चंद्र, प्रेम आर्या, सलाम समिति के राजेंद्र रावत, प्रदीप गुरुरानी, उपपा महासचिव दिनेश उपाध्याय, उपपा उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा, नगर अध्यक्ष हीरा देवी, एडवोकेट पान सिंह, स्वाति तिवारी, धीरेंद्र मोहन पंत, मोहम्मद वसीम, आरुणिय्म पंत, मोनिका दानू, राजू गिरी, एडवोकेट गोपाल राम समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक शामिल रहे।

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