अखबार में छपी श्रद्धांजलि की खबर , मुर्दाघर में जिंदा हो गया शख्स , हैरान कर देगा यह मामला

सोचो कि अगर किसी के घर में मय्यत का मातम हो, अखबार में श्रद्धांजलि सभा का आमंत्रण छप चुका हो और मरने वाला शख्स मुर्दाघर…

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सोचो कि अगर किसी के घर में मय्यत का मातम हो, अखबार में श्रद्धांजलि सभा का आमंत्रण छप चुका हो और मरने वाला शख्स मुर्दाघर में सांस लेने लगे तो क्या होगा? जाहिर सी बात है कि आप उल्टे भी लटक जाएं तो भी कोई आपकी इस बात पर यकीन नहीं करेगा।


लेकिन हाल ही में केरल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स की सांसे उस वक्त वापस लौट आई, जब वह मुर्दाघर में एक लाश बनकर पड़ा हुआ था। इस मामले को सुनकर हर कोई हैरान हो गया।


दरअसल, यह घटना केरल के कन्नूर के एकेजी कोऑपरेटिव हॉस्पिटल में घटी, जहां एक मृत मान लिए बुजुर्ग को मुर्दाघर में ले जाया जा रहा था। जिसकी जानकारी परिजनो को दी गई खबर कर दी गई थी कि शख्स की मौत हो चुकी है। परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए पूरी तैयारी कर ली थी और अखबार में श्रद्धांजलि सभा के लिए शोक संदेश भी छपा दिया था।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब शख्स मुर्दाघर ले जाते हुए जिंदा हो गया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शख्स फेफड़ों से जुड़ी बीमारी से पीड़ित था और उसे वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। वेंटिलेटर का खर्च अधिक आने की वजह से परिवार ने मरीज को अपने गृह नगर ले जाने का तय किया। हालांकि, डॉक्टर ने उन्हें कहा था कि वेंटिलेटर से हटाने के पांच मिनट के भीतर ही उनकी मौत हो जाएगी।

परिवार उन्हें एंबुलेंस से लेकर गृहनगर जा रहा था कि उनका बीपी पूरा नीचे चला गया और उनकी बॉडी में कोई हलचल नहीं दिखी। गृहनगर पहुंच कर परिवार ने पवित्रन नाम के इस शख्स की बॉडी को मुर्दाघर में रखवाने का तय किया। डॉक्टर ने जब उन्हें चेक किया तो उनकी मौत हो चुकी है, लेकिन मुर्दाघर ले जाते वक्त उनकी उंगलियों में हलचल दिखी जिसके बाद उन्हें आईसीयू ले जाया गया। अब पवित्रन आईसीयू में हैं और लोगों के पुकारने पर आंखें भी खोल रहे हैं।

हालांकि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन डॉक्टर का कहना है कि बीपी अब सामान्य है और धीरे-धीरे स्थिति में सुधार आ रहा है।

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