Maha Kumbh Mela: महाकुंभ में पहले दिन 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओ ने किया पवित्र स्नान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज पौष पूर्णिमा के साथ 45 दिवसीय महाकुंभ का आरंभ हो गया है। त्रिवेणी संगम तट पर स्नान पर्व के…

More than 60 lakh devotees took holy bath on the first day of Maha Kumbh

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज पौष पूर्णिमा के साथ 45 दिवसीय महाकुंभ का आरंभ हो गया है। त्रिवेणी संगम तट पर स्नान पर्व के दौरान सुबह 9:30 बजे तक 60 लाख से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई। यहां पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।

अधिकारी खुद इंतजामों की निगरानी कर रहे हैं। इस बार महाकुंभ में करीब 40 से 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। इस महाकुंभ में सनातन के ध्वजवाहक 13 अखाड़ों की छावनी क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज हो गई है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान पर सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार स्नान करेंगे। इस आस्था के सबसे बड़े आयोजन में कई रंग देखने को मिल रहे हैं।

आपको बता दे कि देश के कोने-कोने से अलग-अलग वेशभूषा में साधु संत के यहां पर आए हैं। 144 साल के लिए कुछ खास संयोग भी बने हैं। हर कोई कुंभ जाने से अपने आप को नहीं रोक पा रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ की सभी को बधाई दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘पौष पूर्णिमा की बधाई. विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है।अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवंआधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है. मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं।



यहां पर आने वाले शब्द आलू भी काफी खुश नजर आ रहा है और वह अपने एक्सपीरियंस से बता रहे हैं।एक श्रद्धालु का कहना है कि मैं अयोध्या से आया हूं और यह तीर्थराज गया है। यह बहुत पवित्र है ऐसा पूरे ब्रह्मांड में भी कहीं नहीं है इस तीर्थ का राजा माना जाता है।मेला क्षेत्र में उमड़ रही भीड़ के बीच श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए RAF, पुलिस और CRPF की टीमें मौके पर मौजूद हैं।

एक श्रद्धालु विजय कुमार ने बताया, ‘यहां व्यवस्था बहुत अच्छी है। हर एक चीज की व्यवस्था है…रहने खाने की अच्छी व्यवस्था है। रास्ते भी अच्छे बने हैं। मैसूर के मूल निवासी और अब जर्मनी में रह रहे जितेश प्रभाकर अपनी पत्नी सास्किया नॉफ और एक बच्चे आदित्य के साथ महाकुंभ 2025 में पहुंचे।

जितेश ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं यहां (भारत में) रहता हूं या विदेश में, जुड़ाव होना चाहिए। मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं। व्यक्ति को जमीन से जुड़े रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए।’ सास्किया नॉफ ने बताया, ‘मैं बहुत उत्साहित हूं। मुझे यहां आना हमेशा अच्छा लगता है।

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