COVID के बाद हार्ट अटैक बढ़ने के पीछे की वजह आई सामने, देखिए क्या कहा एक्सपर्ट ने

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद अचानक दिल के दौरे (हार्ट अटैक) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस समस्या को…

Experts Reveal Reasons Behind Rise in Heart Attacks After COVID

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद अचानक दिल के दौरे (हार्ट अटैक) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस समस्या को लेकर विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता जताई है और इसके रोकथाम के लिए दवाइयों पर परीक्षण करने की बात कही है। यह दावा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फार्माकोलॉजी सम्मेलन के दौरान किया गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, COVID के बाद दिल के दौरे के बढ़ने का मुख्य कारण मस्तिष्क से निकलने वाला कैटेकोलामाइन हार्मोन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस है। जब शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, तो दिल की धड़कन की गति तेज हो जाती है। इसे नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क से कैटेकोलामाइन हार्मोन रिलीज होते हैं, लेकिन जब यह हार्मोन अत्यधिक मात्रा में रिलीज होता है, तो यह दिल की पंपिंग को रोक सकता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।

दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉक्टर रमेश गोयल का कहना है कि COVID संक्रमण ACE 2 एंजाइम पर असर डालता है, जो शरीर का एक रेगुलेटरी स्विच है। इसके कारण साइटोकीनेशिया और इन्फ्लेमेटरी मार्कर्स बढ़ जाते हैं, जिससे रक्त का गाढ़ा होना और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। उन्होंने कहा कि COVID की वजह से फाइब्रोसिस (साइटिक ऊतक का निर्माण) की समस्या उत्पन्न होती है, जो शरीर के अंगों के कार्य को प्रभावित करती है।

अमेरिका के विशेषज्ञ देवेन्द्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि लॉन्ग COVID की वजह से एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिससे दिल की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर पातीं और अचानक मौत हो सकती है। प्रदूषण भी इस समस्या का एक बड़ा कारण हो सकता है।

AIIMS के आयोजन सचिव और फार्माकोलॉजी विभाग के डॉक्टर हरलोकेश यादव ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने इस बारे में गहन चर्चा की है कि अचानक हार्ट अटैक क्यों हो रहे हैं, क्यों मौतें हो रही हैं और इसके इलाज के लिए दवाइयों पर काम करने की आवश्यकता है। हालांकि, दवाइयों के परीक्षण में समय लगता है, इसलिए लोग जल्द ही इलाज के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते।

AIIMS की कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर आनंद कृष्णन ने बताया कि 55 फीसदी मरीज हार्ट अटैक की गंभीरता को समझ नहीं पाए और समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि मरीज जब भी चेस्ट में दर्द महसूस करें, तुरंत अलर्ट हो जाएं और अस्पताल पहुंचें। जिन लोगों को पहले से दिल से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें विशेष रूप से अधिक सतर्क रहना चाहिए।

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