राज्यसभा के सभापति राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ ऐतिहासिक प्रस्ताव, उपराष्ट्रपति पद से हटाए जाने की उठी मांग

विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा…

Historical resolution against Rajya Sabha Chairman President Jagdeep Dhankhar, demand raised for his removal from the post of Vice President

विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं।

लिखा है, “राज्य सभा के माननीय सभापति के अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीक़े से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके ख़िलाफ़ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”


“इंडिया गठबंधन के दलों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है। यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है।”

जिसमें आरोप लगाया है, ” कल (सोमवार) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ख़ुद चेयरमैन साहब के सामने कहा कि जब तक आप लोकसभा में अदानी का मुद्दा उठाएंगे, हम राज्यसभा को चलाने नहीं देंगे और इसमें चेयरमैन साहब भी शामिल हैं, चेयरमैन साहब को इसमें अडिग रहना चाहिए।”


संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही सदन में भारत के जाने माने कारोबारी गौतम अदानी और अन्य कई मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। इस सत्र की शुरुआत से ठीक पहले ही गौतम अदानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोप तय किए जाने की खबर सामने आई थी।
जिसके बाद से ही कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है।
पहली बार राज्यसभा के सभापति के ख़िलाफ़ प्रस्ताव सौंपा गया है, जिसमें दिख रहा है कि हालत कितने बिगड़ रहें है।

“मैं एक बार फिर से स्पष्ट तौर पर कह रहा हूं कि एक बार जब संसद सुचारू तौर पर चल रही है तो कांग्रेस पार्टी ने किस वजह से ड्रामा शुरू किया? ऐसे मास्क और जैकेट पहनकर आने कि क्या ज़रूरत है जिसपर स्लोगन लिखे हुए हों…?
रिजिजू ने कहा है, “हम यहां देश की सेवा करने के लिए आए हैं, इस तरह का ड्रामा देखने के लिए नहीं आए हैं। जो नोटिस कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ सहयोगियों ने दिया है, उसे निश्चित तौर पर नामंज़ूर किया जाना चाहिए और उसे नामंज़ूर किया जाएगा।”

वही भारतीय संविधान में दिए गए प्रावधानों की बात की जाए तो संविधान में राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया की विस्तार से चर्चा की गई है।

उपराष्ट्रपति जो कि राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, उन्हें हटाने की प्रकिया और इसका आधार क्या होता है, इसे जानने के लिए बीबीसी ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से बात की है।

लोकसभा के पूर्व महासचिव और संविधान के जानकार पीडीटी आचारी के मुताबिक़ उपराष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 14 दिन पहले उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाना ज़रूरी है।

पीडीटी आचारी कहते हैं, “इसके लिए अलग से कोई नियम नहीं बनाया गया है। इस मामले में वही नियम लागू होते हैं जो लोकसभा के अध्यक्ष को हटाने के लिए हैं।”

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उनका कहना है, “अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा के सभापति के ख़िलाफ़ ख़ास (निश्चित) आरोप होने चाहिए और नोटिस के 14 दिनों के बाद ही इस प्रस्ताव को राज्यसभा में लाया जा सकता है। इस प्रस्ताव को राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों के सामान्य बहुमत से पारित कराना ज़रूरी होता है। राज्यसभा से पास होने के बाद इस प्रस्ताव को लोकसभा के भी सामान्य बहुमत से पास कराना ज़रूरी होता है।”