93 साल की दादी की अंतिम इच्छा का रखा मान, अफसरों ने जेल के खोल दिए दरवाजे, जानिए किस जुर्म में थी कैद

कर्नाटक के कलबुर्गी में 93 साल की उम्र में जेल की सजा काट रही एक महिला की अंतिम इच्छा उपलोकायुक्त एनबी वीरप्पा ने पूरी कर…

The last wish of a 93-year-old grandmother was respected, the officers opened the doors of the jail, know for which crime she was imprisoned

कर्नाटक के कलबुर्गी में 93 साल की उम्र में जेल की सजा काट रही एक महिला की अंतिम इच्छा उपलोकायुक्त एनबी वीरप्पा ने पूरी कर दी है। हाल ही में जेल के दौरे पर आए एनबी वीरप्पा ने इस बुजुर्ग महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए उनके पैरोल को मंजूरी दे दी।

जिसके बाद जेल से छूट कर अपनी बेटी के घर पहुंची महिला अपने घर पहुंची तो उसकी मौत हो गई। इस महिला के खिलफ करीब 26 साल पहले दहेज के लिए बहु को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज था।

इसी मामले में साल 2022 में कलबुर्गी हाईकोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी। परिजनों के मुताबिक 26 साल पहले कलबुर्गी में रहने वाली महिला नागम्मा के घर में विवाद हुआ था। उस समय उनकी बहु ने नागम्मा समेत उनके परिवार के खिलाफ जेवार्गी थाना पुलिस में दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया था। मामले में सुनवाई लोवर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट कलबुर्गी तक हुई। लोवर कोर्ट में तो नागम्मा के खिलाफ दोष साबित नहीं हुआ, लेकिन कलबुर्गी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वह दोषी पायी गई।

जिसके बाद साल 2022 में हाई कोर्ट ने उन्हें 92 साल की उम्र में सजा सुना दिया था। उसी समय पुलिस ने बजुर्ग महिला नागम्मा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। यहां जेल में आने के बाद इनकी तबियत खराब रहने लगी थी। जेल प्रबंधन के मुताबिक पिछले महीने उपलोकायुक्त एनबी वीरप्पा ने जेल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कैदियों के साथ संवाद किया था।

उसी समय उनकी नजर नागम्मा पर पड़ी। कुशल क्षेम पूछते समय नागम्मा ने उन्हे कहा था कि उनका अंतिम समय चल रहा है और वह अपने घर में मरना चाहती हैं। उनकी हालत को देखते हुए उपलोकायुक्त ने तत्काल पैरोल प्रासेस शुरू करने के लिए कहा। इसी क्रम में नागम्म को पैरोल मिली और वह जेल से छूट कर अपनी बेटी के घर पहुंच गई थी। जहां बीमारी के दौरान ही उनकी मौत हो गई है।