अब उत्तराखंड से ही देखिए कैलाश पर्वत, चीन जाने की जरूरत नहीं!

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक ऐसी खास जगह खोजी गई है जहां से बिना चीन की धरती पर कदम रखे ही कैलाश पर्वत के…

Now see Mount Kailash from Uttarakhand itself, no need to go to China!

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक ऐसी खास जगह खोजी गई है जहां से बिना चीन की धरती पर कदम रखे ही कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं। लिपुलेख दर्रे के पास 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जगह से श्रद्धालु सीधे कैलाश मानसरोवर देख सकते हैं।


सीमा में रहते हुए कैलाश के दर्शन
देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं और इसका एक बड़ा कारण केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना है। पिथौरागढ़ के गुंजी क्षेत्र में ओल्ड लिपुलेख दर्रे के पास एक खड़ी चट्टान पर 200 मीटर की ऊंचाई पर एक समतल स्थान पाया गया है। यहाँ से तिब्बत के कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं।


चीन की धरती पर पैर रखे बिना देखिए कैलाश
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि अब हम भारत की सीमा में रहते हुए, बिना चीन की धरती पर कदम रखे, कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। हाल ही में उन्होंने खुद इस स्थल का दौरा किया और इसे बेहद रमणीय बताया। गुंजी से दो मार्ग जाते हैं—एक आदि कैलाश के लिए और दूसरा नाभीढांग की ओर। वहीं, ओल्ड लिपुलेख के पास से कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकते हैं।


सुरक्षित यात्रा के लिए ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) प्रस्ताव
सतपाल महाराज ने बताया कि हालांकि यह जगह कैलाश के दर्शन के लिए एक शानदार स्थान है, लेकिन यह 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और वहां पहुंचना आसान नहीं है। इसके लिए एक ऑल ट्रेन व्हीकल (ATV) का प्रस्ताव तैयार किया गया है ताकि यात्रा को सुगम बनाया जा सके।


केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेंगे डेवलप
केंद्र सरकार के साथ मिलकर उत्तराखंड सरकार इस जगह को डेवलप करने का प्लान बना रही है। सड़क को बेहतर बनाने और शौचालय बनाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। इसके साथ ही, गुंजी और आदि कैलाश की यात्रा मार्ग को भी सुधारने का काम किया जाएगा।मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पहले भी इस क्षेत्र में कैलाश के दर्शन किए जाते थे, लेकिन चीनी सैनिकों ने कुछ समय पहले तोड़फोड़ की थी। अब उत्तराखंड सरकार KMVN का कैफेटेरिया फिर से बनाएगी, जो यात्रियों के आराम के लिए होगा। सतपाल महाराज ने हाल ही में इस जगह का दौरा किया था और वहां की खूबसूरती के कई वीडियो भी बनाएं थे।