ऑनलाइन गेमिंग की लत ने कही का ना छोड़ा,हार गया 28 लाख,अब कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने को तक है तैयार

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक मामला सामने आ रहा है जहां बताया जा रहा है कि एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑनलाइन गेमिंग में 28…

Addiction to online gaming has never left us, he lost Rs 28 lakhs, now he is even ready to sell his kidney to repay the loan.

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक मामला सामने आ रहा है जहां बताया जा रहा है कि एक स्थानीय व्यक्ति ने ऑनलाइन गेमिंग में 28 लाख रुपए गंवा दिए जिससे वह इतनी आर्थिक तंगी में आ गया कि अब वह अपने कर्ज को चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने को तैयार है। इस व्यक्ति ने कि स्थानीय समाचार पत्र में बताया कि एक समय में वह सफल दुकान चलाता था और अपने परिवार का भरण पोषण भी आराम से कर रहा था लेकिन ऑनलाइन गेमिंग की लत के बाद उसके जीवन में काफी दुख आ गए।


शुरुआत में उसे कुछ अच्छा लगा और उसे इस गेम में सफलता भी मिली लेकिन बहुत जल्द उसकी इस लत ने उसके 28 लाख रुपए बर्बाद करवा दिए। यह मामला एक बढ़ती हुई समस्या की ओर सभी का ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन गेमिंग के लालच में फंस रहे हैं। साइबर पुलिस हमेशा यह चेतावनी देता है कि गेम को अक्सर गेम की तरह ले। अधिकतर ऐसे गेम में पैसे कमाने का वादा भी किया जाता है लेकिन लोगों को सफलता नहीं मिलती क्योंकि जिंदगी का कोई शॉर्टकट नहीं होता है माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों की गतिविधियों पर बारीकी से ध्यान देना चाहिए।


जब पूछा गया कि साइबर पुलिस को ऐसे कितने मामले रिपोर्ट किए गए हैं, तो कार्यालय ने कहा कि लोग आमतौर पर अन्य प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्ट करते हैं और गेमिंग सेहोने वाले नुकसान की रिपोर्ट नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि पैसे उनकी अपनी गलतियों के कारण खो गए हैं।


कुपवाड़ा के सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता नूर शाहबाज ने इस घटना की निंदा की और इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग के खतरों के बारे में लोगों को शिक्षा देने के लिए कहा शाहाबाद में स्कूलों पुलिस और प्रशासन से इस बढ़ते हुए खतरे के निपटने के लिए सभी को जागरूक करने का भी आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को शुरुआती जीत तो रोमांच देती है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि बाद में बहुत नुकसान होता है।


शाहबाज ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता चलन और परिवारों पर इसके हानिकारक प्रभाव कश्मीर घाटी में भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए तत्काल सामुदायिक और संस्थागत हस्तक्षेप की मांग करते हैं।
छात्र दानिश फैयाज ने कहा कि कश्मीर घाटी में अधिकांश लोग ऑनलाइन गेमिंग में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कैसे हाल हीमें एक दोस्त इस जाल में फंस गया और कुछ ही समय में हजारों रुपये गंवा दिए। फैयाज ने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता को अपने बच्चों की मोबाइल फोन पर गतिविधियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।