अब बच्चे पढ़ेंगे चंद्रयान समेत देश को गौरवान्वित करने वाली कहानियां, एनसीआरटी ने लॉन्च की कक्षा तीन व छह की नई किताबे

बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए उन्हें खेल-खेल में पढ़ाई करने का सपना अब साकार होने वाला है। स्कूली शिक्षा के स्तर…

Now children will read stories that make the country proud, including Chandrayaan, NCERT launches new books for class three and six

बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए उन्हें खेल-खेल में पढ़ाई करने का सपना अब साकार होने वाला है। स्कूली शिक्षा के स्तर पर तीसरी और छठवीं कक्षा के लिए एनईपी के तहत नई पाठ्यपुस्तकें बाजार में आ गई है। जिसमें बच्चों को चंद्रयान अभियान से जुड़ी रोचक कहानी से लेकर देश पर गर्व करने वाले कविताएं, जीवन मूल्यों, पारिवारिक जुड़ाव को बढ़ाने वाले पाठ के साथ भारत को अच्छी तरह से जानने-समझने वाली विषय वस्तु पढ़ने को मिलेगी।

एनईपी के तहत अभी सिर्फ तीसरी व छठवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकें ही तैयार की गई है । अन्य कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें भी चरणबद्ध तरीके से अगले दो सालों में लाई जानी है। एनसीईआरटी के अनुसार इनमें से सभी किताबों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में चल रहा है।

इस बीच जिन दो कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें सामने आई हैं, उसमें तीसरी कक्षा का गणित विषय की पाठ्यपुस्तक सबसे रोचक है, जिसका नाम ‘गणित मेला’ है । और वह बच्चों के कौतूहल को ठीक वैसे ही बढ़ाने वाली है, जैसे मेले में बच्चे हर खिलौने को देखकर इतराने लगता है।


इनमें वैसे तो 14 पाठ है, लेकिन प्रत्येक पाठ का नाम रोचक है। पहले पाठ का नाम है ‘नाम में क्या है?’ तो वहीं अन्य पाठों के नाम ‘दोहरा शतक’, ‘नानी मां के साथ छुट्टियां’, ‘कुछ लेना कुछ देना’, ‘सूरजकुंड मेला’ जैसे नाम है। इतना ही नहीं, तीसरी कक्षा के बच्चों को चंद्रयान मिशन की कहानी जिस अंदाज में परोसा गया है, वह बच्चों के मन-मस्तिष्क पर सदैव के लिए छप जाने वाली है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार एनसीईआरटी की तीसरी और छठवीं कक्षा की सभी पाठ्यपुस्तकें बाजार में आ गई है, जिनकी पढ़ाई इस सत्र से हो जाएगी। राज्यों को भी इन पाठ्यपुस्तकों को अपनाने का सुझाव दिया गया है।

वही छठवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक में एनसीईआरटी ने ‘इंडिया, दैट इज भारत’ नाम से एक पाठ रखा है, जिसमें बताया है कि देश का प्राचीन नाम क्या है। साथ ही देश का इंडिया नाम कैसे विदेशियों ने रखा। इसके साथ ही इनमें देश की संस्कृति और उसके इतिहास की भी पूरी जानकारी दी गई है।