दिल्ली से अपने साथियों के साथ हरिद्वार में गंगाजल लेने आए कावड़ यात्रियों की देहरादून के सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल पर नदी में बहने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि पहले एक कावड़ यात्री पानी के तेज बहाव में बहने लगा तो उसे बचाने के लिए दो और लोगों ने छलांग लगा दी। इसके बाद तीनों तेज बहाव में बह गए।
सूचना मिलने पर वहां पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची उसमें से एक कावड़ यात्री को जीवित बचा लिया गया जबकि दो की मौत हो गई है। मरने वालों की पहचान इंद्रपाल व भूपेंद्र सिंह राणा के तौर पर की गई है। यह दोनों ई ब्लॉक सुलतानपुरी दिल्ली के निवासी थे जिस कावड़ यात्री को सुरक्षित बचाया गया है वह सुल्तानपुरी निवासी था और उसका नाम मनोज है मनोज को भी काफी चोटें आई हैं।
थाना अध्यक्ष का कहना है कि दिल्ली से 10 युवकों का दल कावड़ लेकर हरिद्वार के लिए निकला था। हरिद्वार सीधे जाने के बजे यह लोग पहले सहस्त्रधारा घूमने चले गए। इसके बाद उनकी हरिद्वार जाने की योजना थी।
बुधवार रात भारी बारिश के कारण सहस्त्र धारा में नदी का जलस्तर बढ़ गया और इसका वेग भी काफी तेज हो गया। इसी दौरान कावड़ यात्री का पांव फिसला और वह बह गया। उसे बचाने के लिए दो अन्य कावड़ यात्री भी कूद गए लेकिन तेज बहाव के कारण वह भी बह गए।
इनमें से एक ने कुछ दूरी पर नदी के बीच में स्थापित बड़े पत्थर को पकड़कर खुद को बहने से बचा लिया, जबकि बाकी दो दूर तक बहते चले गए।
इस सूचना के मिलने के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंची और पत्थर के सारे फंसे कावड़ यात्री को बचा लिया गया। अन्य दो लोगों की तलाश अभी भी की जा रही है। नदी में वह दोनों कावड़ यात्रियों के शब्द पुलिस ने सहस्त्रधारा से कई 2 किलोमीटर आगे बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने सभी को कोरोनेशन अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने इंद्रपाल और भूपेंद्र को अमृत घोषित कर दिया जीवित बचाए गए मनोज का उपचार अभी भी चल रहा है।
गुरुवार को हुई घटना के बाद पुलिस ने सहस्रधारा नदी में स्नान फिलहाल रोक दिया है। जो भी पर्यटक नहाने के लिए सहस्रधारा पहुंचे, उन्हें खतरे की चेतावनी देकर नदी में उतरने से रोक दिया गया। जिला-प्रशासन की ओर से भी पर्यटकों व आमजन से अपील की गई है कि वर्षाकाल में नदी-नालों के किनारे न जाएं और नहाने के लिए पानी के तेज बहाव में न उतरें।