हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने से मची तबाही क्या आप जानते हैं कि कैसे फटता है यह बादल

दिल्ली में बुधवार को बारिश तेज हुई जिसके बाद सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया। दिल्ली की बारिश को देखकर बादल फटने जैसा माहौल बताया जा…

Cloudburst causes devastation in Himachal and Uttarakhand. Do you know how this cloud bursts?

दिल्ली में बुधवार को बारिश तेज हुई जिसके बाद सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया। दिल्ली की बारिश को देखकर बादल फटने जैसा माहौल बताया जा रहा है। लेकिन कई राज्य इसकी मार झेल रहे हैं। बारिश के साथ कई जगहों पर बादल फटने की भी खबर सुनाई देती है।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच तीन जगह पर बादल फटने से तीन लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। मंडी और मणिकरण साहिब और रामपुर में भी बदल फटा है। उत्तराखंड के हालात भी कुछ अच्छे नहीं है। टिहरी और केदारनाथ में भीम बली में बादल फटने की खबर सामने आई है।

हिमाचल के कुल्लू के मणिकरण, साहिब मंडी और शिमला में बादल फटने से तबाही मच गई मंडी और कुल्लू की घटना में तीन लोगों की मौत भी हो गई जबकि 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश भी की जा रही है। कई घर और स्कूल अस्पताल भी इस घटना में क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

मंडी में 35 लोगों को सुरक्षित बचाया गया।इस घटना के बाद मंडी के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। शिमला के रामपुर के झाकड़ी में बादल फटने के बाद समेज खड्ड में बाढ़ आ गई, जिसमें 22 लोग लापता बताए जा रहे हैं, इसमें एक पावर प्रोजेक्ट के लोग भी शामिल है।

मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के धम्चयाण पंचायत के राजवन गांव में बादल फटा है। बुधवार सुबह से ही मंडी में लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश की वजह से देर रात अचानक बादल फट गया और वहां बाढ़ आ गई जिसकी चपेट में कई लोग आ गए। इसमें एक की मौत हो गई और जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।

उत्तराखंड की 2 जगहों पर फटा बादल

उत्तराखंड में भी बारिश का कहर कुछ कम नहीं है। टिहरी जिले के घनसाली में बादल फटने से दो लोगों की मौत हो गई और एक लोग घायल हो गया। घनसाली विधानसभा क्षेत्र के जखन्याली में नौताड़ गदेरे में बादल फटने से गदेरे के पास खुले होटल के बह गया और मुयालगांव में घनसाली-चिरबिटिया मोटर मार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने की भी खबर है।

केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली के गदेरे में भी बादल फटा है। जिसकी वजह से रास्ते में काफी मालवा हो गया है। पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और यहां 150 से 200 यात्री फंसे हुए हैं।

कब और कैसे फटता है बादल?

बादल फटने की घटना अक्सर तेज गरज के साथ बारिश के दौरान होती है। जब नमी वाले बादल बड़ी मात्रा में एक साथ एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं और पानी की बूंदे एक साथ इकट्ठा हो जाती हैं। बूंद का भार ज्यादा हो जाता है जिस वजह से बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है और तेज बारिश अचानक होने लगती है। ऐसा तब होता है जब गर्म हवाएं बारिश की बूंद के संग मिलकर सामान्य बहाव को बाधित करती हैं, जिससे पानी जमा हो जाता है और बादल फट जाता है। कुछ ही सेकेंड में 2 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है। आमतौर पर पहाड़ों पर 15 किमी की ऊंचाई पर बादल फटते हैं।