अल्मोड़ा:: मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने की मांग को लेकर प्राचार्य कक्ष के सम्मुख प्रदर्शन

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the principal’s room demanding maintenance of medical college arrangements.



अल्मोडा मेडिकल कालेज की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार एवं आन्दोलनरत कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण करने की मांगों को लेकर पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने प्राचार्य कक्ष के बाहर किया धरना- प्रदर्शन

अल्मोड़ा, 22 जुलाई 2024–उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य कक्ष के बाहर अपने सैकड़ों सर्मथकों के साथ धरना प्रदर्शन किया।


इस दौरान कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य व्यवस्था दिन प्रतिदिन लड़खड़ा रही है।अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज आज एक रैफलर सैन्टर बन कर रह गया है। इस मेडिकल कालेज में न तो कोई फैकल्टी ही पूर्ण है साथ ही यहां न्यूरो सर्जन,रेडियोलाजिस्ट,बर्न यूनिट,ट्रामा सैंन्टर,इमरजेंसी आपरेशन थियेटर,डायलिसिस सैन्टर,ब्लड बैंक तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मेडिकल कालेज की एम्बुलेंसों की स्थिति भी अत्यन्त दयनीय है। श्री कर्नाटक ने कहा कि यदि विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद भरे गये होते तथा फैकल्टी पूर्ण होती तो निर्धन,लाचार व गम्भीर रोगियों को हायर सेंटर रेफर करने की आवश्यकता नहीं पडती। उन्होंने कहा कि गम्भीर रोगियों को आपातकाल में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से एअर एम्बुलेंस द्वारा एयर लिफ्ट कर तत्काल हायर सेंन्टर ले जाने की व्यवस्था भी अभी तक नहीं की जा सकी है।


इसीलिये यह मेडिकल कॉलेज आज केवल रैफलर सैन्टर बन कर कार्य कर रहा है जिसमें प्रत्येक दिन दर्जनों मरीजों को रैफर कर मैदानी क्षेत्रों की ओर भेजा जा रहा है जो इस पर्वतीय क्षेत्र के लिये अत्यन्त सोचनीय विषय है


कर्नाटक ने कहा कि आज यहां की स्थिति यह है कि यहां के कर्मचारी जिन्होंने कोविड काल में अपनी जिन्दगी की परवाह न कर आम जनमानस की सेवा की उनके पद तक सृजित नहीं किये गये हैं।दुर्भाग्य यह है कि विगत चार माह से उन्हें वेतन का भुगतान तक नहीं किया गया जिस कारण उनका परिवार भुखमरी की स्थिति में आ गया है।स्थिति यह है कि वे अपने वेतन भुगतान एवं पद सृजिन हेतु कई दिनों से धरने पर बैठे हुये हैं जिससे बेस अस्पताल की स्थिति और भी दयनीय हो गयी है।


कर्नाटक ने मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी अल्मोडा के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करते हुये मांग की कि पर्वतीय जनपदों हेतु संचालित अल्मोडा मेडिकल कालेज की दयनीय/गम्भीर स्थिति को देखते हुये तत्काल अल्मोडा मेडिकल कालेज की समस्त समस्याओं का निराकरण किया जाय।साथ ही इसे रैफलर सैन्टर न बनाकर यहां मरीजों के लिये उत्कृष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाय।जिस उद्देश्य से इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया है एवं मेडिकल कालेज कर्मचारियों के पद सृजित करते हुये उनके अवरूद्व वेतन का भुगतान तत्काल किये जाने के निर्देश निर्गत किये जांय।

कर्नाटक ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि 15 दिनों के भीतर उपरोक्त समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो उन्हें चरणबद्व तरीके से अल्मोडा मेडिकल कॉलेज की दयनीय/लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर उग्र आन्दोलन को बाध्य होना पडेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की होगी।इस अवसर पर श्री कर्नाटक के साथ मुख्यरूप से देबेन्द्र कर्नाटक,कमलेश कर्नाटक,हेम जोशी,प्रकाश मेहता,अशोक सिंह,हसन,भगवत आर्या,रोहित शैली,भूपेन्द्रभोज,नूरखान,सुधीर कुमार,हिमांशु कनवाल,दीपक पोखरिया, शहाबुद्दीन,राकेश बिष्ट,हयात सिंह बिष्ट,रमेश चंद्र जोशी,दीपक पोखरिया,कमल बिष्ट, देवेन्द्र कर्नाटक,कमलेश कर्नाटक, रोहित शैली,राकेश बिष्ट,हेम जोशी,असलम खान,बीरेंद्र कार्की,अमर बोरा,त्रिभुवन अधिकारी, महेंद्र सिंह नेगी,लोकेश जोशी,पवन तिवारी,मोहित तिवारी,अशोक सिंह, सुधीर कुमार,हिमांशु कनवाल,भगवत आर्या,हसन,कृष्ण चिलवाल,उमेश रैक्वाल,प्रकाश मेहता,दिनेश कुमार, भूपेंद्र शैली,अनिल जोशी,सुमित बिष्ट, सुनीता आर्या,दया जोशी,प्राची,मंजू जोशी,दीपा टकवाल,रेखा कनवाल, भावना मेहता,रंजना कनवाल,भावना कनवाल,धीरेन्द्र लाल,बाबी कुमार,करन कुमार,भगवन्त बिष्ट,पूरन राम,सन्तोष पाटनी,गोपाल सिंह, सतीश,गिरीश चंद्र,अंकिता टम्टा,चन्दन बोरा,रीता देवी,लीला कनवाल,विद्या देवी,नीरज देवी,बबीता,प्रेमा विष्ट, सुनीता,रेखा कनवाल,सपना शैली, रूचि,आशा तिवारी,सूरज आर्या, बृजेश सूद,हरीश सिंह चौहान,गौरव भट्ट,पंकज,महेंद्र कनवाल,गणेश लाल,लीलाधर,अन्नू बाल्मीकि,भगवत आर्या,पंकज कुमार,रोहित सौदे,अमित कुमार,खीमसिंह बिष्ट,मोहम्मद साजिद, हरीश चंद्र, प्रमोद कुमार, शोभा,मनोज मेहरा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।


उन्होंने बताया कि आंदोलन के बाद प्राचार्य ने व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान की कार्यवाही गतिमान है। व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने के लिए सरकार के साथ समन्वय बनाते हुए पत्र व्यवहार किया गया है।