लोग पिता से बोलते थे चाय बेचकर बेटियों को इतनी शिक्षा नहीं दे पाओगे,अपने लिए घर बनाए ,एक दिन बेटी ने अपने ससुराल तो जाना ही है… लेकिन आज बेटी बन गई CA , जानिए अमिता की कहानी

समय किसका कब बदल जाए कुछ कह नहीं सकतें यदि कोई व्यक्ति गरीब है, तो वह इसका मतलब यह नहीं है कि वो असफल ही…

People used to tell the father that you will not be able to educate your daughters enough by selling tea, build a house for yourself, one day the daughter will have to go to her in-laws… but today the daughter has become a CA, know Amita's story

समय किसका कब बदल जाए कुछ कह नहीं सकतें यदि कोई व्यक्ति गरीब है, तो वह इसका मतलब यह नहीं है कि वो असफल ही रहेगा। गरीब व्यक्ति के पास भले ही पैसों की कमी होती है, लेकिन हौसले बुलंद होते हैं, जिनके दम पर वे सफलता की सीढ़ी चढ़ जाते है।

यहां आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी कहानी के बारे में जो लाखों बच्चों और उनके माता- पिता को प्रेरित करेगी।

बता दें, कुछ समय पहले इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने CA फाइनल परीक्षा का रिजल्ट जारी किया। जिसमें कई छात्रों ने इस परीक्षा को पास किया। उन्हीं में से एक छात्रा है अमिता प्रजापति हैं, जिन्होंने 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है। बता दें कि अमिता के पिता चाय बेचते है। वह गरीब जरूर थे लेकिन उन्होंने ने बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी जिसका परिणाम है कि आज वह सफलता की सीढ़ी पार कर गई है।

एक चाय बेचने वाले की बेटी के चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा पास करने के बाद उसकी खुशी के आंसुओं को कैद करने वाला एक वीडियो पोस्ट के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

लिंक्डइन पोस्ट में, अमिता ने अपने संघर्षों और अपने पिता के अटूट समर्थन के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, “पापा मैं CA बन गई। CA बनने में 10 साल लग गए। हर दिन, अपनी आंखों में सपने लेकर, मैं खुद से पूछती थी कि क्या यह सिर्फ एक सपना था या क्या यह कभी सच होगा। जिसका यह सपना 11 जुलाई, 2024 को ये सपना हकीकत में बदल गया है। अब यकीन हो रहा है, हां, सपने होते हैं”

अमिता ने आगे लिखा, ” लोग मेरे पिता से कहते थे कि तुम चाय बेचकर अपनी बेटी को इतनी शिक्षा नहीं दे सकते। पैसे बचाएं और इसके बजाय एक घर बनाएं। कब तक आप बड़ी हो चुकी बेटियों के साथ सड़कों पर रहते रहेंगे? वैसे भी, एक दिन बेटी ससुराल चली जाएगी।

आज के समय में भी लोगों का मानना है कि बेटियों की शिक्षा पर जरूरत से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनकी शादी होने के बाद वो दूसरे घर चली जाती है और आज भी ऐसा कहा जाता है, लड़कियां को दूसरों की अमानत होती है। इसलिए सही समय पर शादी कर देनी चाहिए।

अमिता ने आगे लिखा, “लोग मेरे पिता से कहते थे कि आपके पास कुछ भी नहीं बचेगा, लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि हां, मैं एक झुग्गी बस्ती में रहती हूं, लेकिन अब मुझे कोई शर्म नहीं है”

उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में अपने माता-पिता के बारे में लिखा, “मैं आज जो कुछ भी हूं, अपने पापा और मम्मी की वजह से हूं, जिन्होंने मुझ पर इतना विश्वास किया और कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उन्हें छोड़ दूंगी, बल्कि यह सोचा कि मैं अपनी बेटियों को पढ़ाऊंगी”