Parijat Sanctuary will be developed in the campus of GB Pant Environmental Institute Surya Kunj, started with planting of saplings
अल्मोड़ा,17 जुलाई 2024— गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान(GB Pant Environmental Institute) कोसी कटारमल अपने बाह्य परिसर सूर्य कुंज में पारिजात सेंचुरी विकसित करेगा। इसके तहत परिसर में संस्थान की ओर से पारिजात के पौधों का रोपण भी किया गया।
उत्तराखण्ड़ के लोक पर्व हरेला के अवसर पर पौधरोपण के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी। इस दौरान संस्थान की ओर से वृहद पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत संस्थान के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के तत्वाधान में संस्थान के सूर्य कुंज में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सतीश आर्य द्वारा संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल, समस्त वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं संस्थान के अन्य स्टाफ का स्वागत करते हुए लोक पर्व हरेला की सामाजिक, धार्मिक तथा पर्यावरणीय महत्वता पर प्रकाश डाला गया। डा0 आर्य ने कहा कि संस्थान का जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र विगत कई वर्षों से उत्तराखंड के लोक पर्व हरेला के अवसर पर इस तरह के वृक्षारोपण कार्यक्रमों का आयोजन करता आ रहा है।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के प्रमुख डॉ. आईडी भट्ट ने बताया कि संस्थान सूर्यकुंज में पारिजात सैन्चुरी विकसित करने हेतु प्रयासरत है और आज इसी प्रयास के तहत पारिजात के पौधों का रोपण किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में रेड क्रॉस सोसाइटी, अल्मोड़ा के डॉ. जेसी दुर्गापाल, वरिष्ठ प्रवक्ता श्री शंकर भट्ट, आशीष वर्मा आदि द्वारा पारिजात, पीपल तथा तिमूर के पौधों का रोपण किया गया। डॉ. जेसी दुर्गापाल ने कहा कि हमें वृक्षारोपण के साथ साथ रोपित किये गए वृक्षों की देखभाल तथा संरक्षण करने की आवश्यकता है। उन्होंने संस्थान द्वारा हमारी इस परम्परा को आगे बढ़ाने और इस तरह के वृक्षारोपण कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सबको लोक पर्व हरेला की शुभकामनाऐ दी। उन्होने हरेला की वर्ष 2024 की थीम ‘पर्यावरण की रखवाली, घर घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली’ से सबको अवगत कराया और बताया कि यह पर्व हमारे सांस्कृतिक एवं धार्मिक परम्पराओं एवं रीतिरिवाजों का पूरक है। प्रो0 नौटियाल ने जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र द्वारा संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये जा रहे विभिन्न शोध कार्यों की प्रशंसा करते हुए भविष्य हेतु शुभकामनाऐं प्रेषित की।
इसी कार्यक्रम के तहत संस्थान के पर्यावरण आंकलन एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र द्वारा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल के दिशानिर्देशन में कटारमल मुख्य द्वार के समीप वृक्षारोपण तथा संस्थान परिसर के मंदिर क्षेत्र में पीपल के पौधे का भी रोपण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डा0 सतीश आर्य ने किया। इस मौके पर डॉ. सुबोध ऐरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल, डॉ. आईडी भट्ट, डॉ. केएस कनवाल, डॉ. मिथिलेश सिंह, डॉ. एके सहानी, डॉ. शैलजा पुनेठा, डॉ. आशीष पाण्डे, डा0 सुमित रॉय, ई0 वैभव गोसावी, डा0 हर्षित पन्त तथा महेश चन्द्र सती सहित संस्थान के समस्त अधिकारियों, शोधार्थियों और कर्मचारियों सहित लगभग 200 लोगों ने प्रतिभाग किया।