शहीद अंशुमन के पिता अपने छोटे बेटे की शादी अपनी बहू से करने को है तैयार, विरासत में दे देंगे सब कुछ

शहीद कैप्टन अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह का कहना है कि वह अपनी बहू स्मृति को दूसरी जिंदगी शुरू करने में मदद करेंगे। उनका…

Martyr Anshuman's father is ready to marry his younger son to his daughter-in-law, will give everything as inheritance

शहीद कैप्टन अंशुमन के पिता रवि प्रताप सिंह का कहना है कि वह अपनी बहू स्मृति को दूसरी जिंदगी शुरू करने में मदद करेंगे। उनका कहना है कि जिंदगी भर वैधव्य संभव नहीं है। जब बहू ने यह बात कही थी कि वह अभी महज 26 साल की है तो मैंने कहा था की स्मृति बहू भी है और बेटी भी अगर वह शादी करना चाहती है तो वह उसे बेटी की तरह विदा करेंगे।

रवि प्रताप ने एक बातचीत में कहा कि यदि वह इसी घर में अंशुमन की यादों के साथ रहना चाहती है तो मैं अपने छोटे बेटे की शादी उनसे कर सकता हूं। मेरा छोटा बेटा स्मृति से दो साल ही छोटा है यदि वह शादी ना करके इसी घर में रहना चाहती है तो अपने बेटे से होने वाले पहले पोते को उसी को सौंप देंगे।

उनके पिता के कॉलम में अंशुमन नाम लिखा जाएगा जो भी विरासत होगी वह भी उसे दी जाएगी। हालांकि रवि प्रताप ने 2 दिन पहले कहा था कि बेटे के जाने के बाद उनके पास कुछ नहीं बचा है। राष्ट्रपति भवन गया तो पता चले की 5 फरवरी को बेटे का पता बदलवा दिया गया। मैंने इस पर आपत्ति जताई थी। मुझसे पहचान छीन ली गई। इसी बीच पता चला कि यूपी सरकार ने परिवार को 50 लाख रुपए दिए थे जिसमें से 15 लाख रुपए माता-पिता और 35 लाख रुपए बहू स्मृति को दिए थे।

सेना के सूत्रों ने बताया, आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड के तहत 1 करोड़ रु. दिए गए। इसमें से 50 लाख रु. अंशुमन के माता-पिता और 50 लाख रु. पत्नी स्मृति को मिले। स्मृति को सामान्य पेंशन मिलनी शुरू हो गई है। शहादत की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद लिबरलाइज्ड पेंशन मिलेगी। एक अन्य इंटरव्यू में रवि ने कहा, सरकार से कोई हमें कोई शिकायत नहीं है। हमें पुरस्कार छूने तक नहीं दिया, इसका कष्ट रहेगा। अगर वो चाहें तो इसकी रेप्लिका दोनों को दे सकते हैं।