जानिए IAS पूजा खेड़कर के बारे में, जिनकी VIP डिमांड ने मचा दी खलबली

Pooja Khedkar IAS: प्रोबेशन पीरियड के दौरान मांगें कर चर्चा में आईं ट्रेनी IAS डॉक्टर पूजा खेड़कर का ट्रांसफर हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने…

Know about IAS Pooja Khedkar, whose VIP demand created a stir

Pooja Khedkar IAS: प्रोबेशन पीरियड के दौरान मांगें कर चर्चा में आईं ट्रेनी IAS डॉक्टर पूजा खेड़कर का ट्रांसफर हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें पुणे से वाशिम भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि महिला आईएएस के पिता रिटायर्ड अधिकारी दिलीपराव खेड़कर भी अधिकारियों पर दबाव बनाते थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पूजा खेड़कर का नाम विवादों से जुड़ा है। इससे पहले उनकी नियुक्ति भी सवालों के घेरे में आ चुकी है।


कौन हैं पूजा खेड़कर
पूजा खेड़कर 2022 बैच की IAS ट्रेनी अधिकारी हैं। बताया जाता है उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 821 हासिल की थी। उन्हें पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर नियुक्ति मिली लेकिन अब उन्हें वाशिम भेजा जा रहा है। उनके पिता और दादा भी सेवा में रह चुके हैं। उनकी मां अहमदनगर जिले के भालगांव की निर्वाचित सरपंच हैं।


प्रशासनिक सेवा में आने से पहले पूजा काफी चर्चा में रही है। बताया जाता है 2 फरवरी 2022 को खेड़कर को नियुक्ति देने से मना कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने अदालत में हलफनामा दाखिल किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह दृष्टिहीन है और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। खास बात है कि कोर्ट ने जुलाई और सितंबर 2022 के बीच चार बार उनका मेडिकल परीक्षण करने के आदेश दिए, लेकिनवह एक भी बार उपस्थित नहीं हुईं।


इसके बाद ट्रिब्युनल ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया। साल 2023 में उनके हलफनामे को राइट्स ऑफ डिसेब्लिटीज एक्ट 2016 के तहत पेश किया गया और बाद में उन्हें नियुक्ति के लिए मंजूरी मिल गई।


करती थीं ये डिमांड
बताया जाता है की पूजा ऐसी सुविधाओं की डिमांड करती थी जिसे एक प्रशासनिक अधिकारी को ट्रेनिंग के दौरान देना मना था। बताया जाता है कि प्रोबेशन पर अधिकारी रहने के दौरान उन्हें अनुभव हासिल करने के लिए अलग-अलग विभागों में काम करना पड़ता है। इसके बाद उनकी स्थाई नियुक्ति होती है। उनकी मांगों में निजी कार पर लाल बत्ती, स्टाफ के साथ एक चैंबर, घर और कॉन्स्टेबल शामिल है। कहा जा रहा है कि, उन्होंने एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे के अगले कक्ष पर भी कब्जा कर लिया था। साथ ही उस कमरे में मौजूद फर्निचर और अन्य सामान को हटा दिया था।

विवाद की मुख्य बातें:

  1. अलग केबिन, कार और आवास की मांग: डॉ. पूजा खेडकर ने ज्वाइन करने से पहले ही लगातार अलग केबिन, कार और आवास तथा कर्मचारियों की मांग की थी।
  2. लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट का उपयोग: उन पर आरोप है कि वह लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी पर्सनल ऑडी कार का उपयोग कर रही थीं। इसके अलावा, उन्होंने इस प्राइवेट कार पर ‘महाराष्ट्र शासन’ लिखवाया था।
  3. विशेषाधिकार की मांग: उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से वीआईपी नंबर प्लेट वाली कार, आवास, और एक कांस्टेबल सहित कर्मचारियों की मांग की थी, जबकि एक प्रोबेशन अधिकारी को ऐसा करने की अनुमति नहीं होती है।

नए आदेश:

शासन के नए आदेश में कहा गया है कि आईएएस डॉ. पूजा खेडकर अब अपने प्रोबेशन का बचा हुआ समय वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में तैनात रहेंगी।