दिल्ली किडनी रैकेट का सच आया सामने, 5 लाख में खरीदी 25 लाख में बेची जाती थी किडनी, जानिए कहां से आते थे डोनर

Delhi Kidney Racket Latest Update: किसी की मजबूरी का फायदा ऐसे भी उठाया जाता है आप सोच भी नहीं सकते हैं। दिल्ली में किडनी रैकेट…

n6212578291720593966435e2c8289534ed3d50afc3ed859436473f489818648fb0e04681922f124f6f5eec

Delhi Kidney Racket Latest Update: किसी की मजबूरी का फायदा ऐसे भी उठाया जाता है आप सोच भी नहीं सकते हैं। दिल्ली में किडनी रैकेट केस में बड़ी गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा सच को सामने लाया गया है जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के मामले प्राइवेट हॉस्पिटल की सीनियर महिला डाक्टर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंध बांग्लादेश से थे जो बांग्लादेश से ही डोनर लाते थे और रिसीवर भी बांग्लादेश के ही होते थे। आरोपी साल 2019 से इस रैकेट को चला रहे हैं और 2021 से 2023 के बीच उन्होंने करीब 15 ट्रांसप्लांट किए थे लेकिन क्राइम ब्रांच को इस रैकेट के बारे में पता चल गया और फिर इसकी जांच शुरू हुई और अब उन्हें सफलता हाथ लगी है।

बताया जा रहा है आरोपी महिला डॉक्टर की शिनाख्त 50 वर्षीय डॉ विजयाकुमारी के रूप में हुई है जो सस्पेंड है। गिरोह में एकलौती यही डॉक्टर थी जो नोएडा में बने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट करती थी। दिल्ली में किडनी रैकेट का सुराग मिलने के बाद दिल्ली ने बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की और उनके साथियों के बारे में क्राइम ब्रांच को भी पता चला।
पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों से उधर से इधर आने के लिए इस्तेमाल किए गए। फर्जी डॉक्यूमेंट भी हासिल किए गए जिन्हें जब्त कर लिया गया है।

विजया कुमारी पिछले 15 साल से बतौर जूनियर डॉक्टर हॉस्पिटल में काम कर रही थी वे विजिटिंग कंसल्टेंट थी और खुद मरीज लाकर उनका ट्रांसप्लांट करती थीं, लेकिन किडनी रैकेट का खुलासा होने के बाद हॉस्पिटल ने उनको सस्पेंड कर दिया। साथ ही क्राइम ब्रांच को सहयोग करने का आश्वासन भी दिया

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह में शामिल लोग बांग्लादेश के जरूरतमंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उन्हें किडनी बेचने के लिए मनाते थे। फिर अल शिफा नामक मेडिकल टूरिज्म कंपनी के जरिए फर्जी कागजातों पर दिल्ली बुलाते थे। यहां उन्हें 4 से 5 लाख रुपये देकर किडनी ले ली जाती थी, जो 25 से 30 लाख रुपये में बेच दी जाती थी।

जिन्हें किडनी बेची जाती थी, वे भी बांग्लादेश के ही नागरिक होते थे। एक पीड़ित ने बयान दर्ज कराकर क्राइम ब्रांच को यह जानकारी दी। गिरोह में रसेल, मोहम्मद सुमन मियां, इफ्ती, रतीश पाल नामक शख्स थे, जिनमें से इफ्ती को छोड़कर बाकी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।