हाथरस हादसा : सबूत छुपाने के लिए बाबा सेवादारों ने किया था गंदा काम, जानकर रूह कांप उठेगी

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ मचने के मामले में अभी तक 121 लोगों की मौत और 35 लोग घायल होने की…

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ मचने के मामले में अभी तक 121 लोगों की मौत और 35 लोग घायल होने की खबर मिली है। वही इस बीच इस हादसे को लेकर अब ऐसी जानकारी सामने आई है जिसे जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। जानकारी मिली है कि बाबा के सेवादारों ने हादसे के सबूतों को छिपाने के लिए ये गंदा काम किया।सेवादारों ने सत्संग में आए लोगों की चप्पलें तक फेंक दी।

पुलिस ने इस मामले में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों और सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में दर्ज मुकदमा कर लिया है। इसके साथ ही इन पर हादसे के सबूतों को छिपाने की धाराएं भी लगाई गई हैं। एफआईआर में जो बात सामने आई है उसके अनुसार सेवादारों ने सबूतों को छिपाने के लिए लोगों की चप्पलें तक फेंक दीं थी। हाथरस मामले की एफआईआर के मुताबिक आयोजन में ढाई लाख लोग आए थे जबकि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी। इसके अलावा आयोजकों द्वारा ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई इंतजाम भी नहीं किया गया था।

भगदड़ में घायल हुए लोगों की चप्पलों को बगल के खेत में सबूत छुपाने की मंशा के चलते फेंका गया। हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ की खबर से पूरा देश सहमा हुआ है। बताया जा रहा है कि सत्संग खत्म होने के बाबा ने जाने से पहले लोगों के अपने चरणों की रज (चरणों की धूल) लेने का कहा था। कहा था कि यह धूल माथे पर लगाने से दुख दूर हो जाएंगे। जिसके बाद उनके अनुयायियों में धूल लेने के होड़ मची और लोग एक के ऊपर एक गिरते गए। वही पुलिस ने अब इस मामले में आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि इसमें भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है।

घटना के बाद से ही बाबा अंडरग्राउंड हो गया है। इस बीच मंगलवार रात को पुलिस बाबा भोले की तलाश में मैनपुरी स्थित उनके आश्रम भी पहुंची लेकिन वो नहीं मिले जिस पर पुलिस खाली हाथ लौटी।