हाथरस सत्संग हादसा: भगदड़ में कुचले गए महिलाएं और बच्चे, 116 की मौत; जानें कैसे हुआ ये भयानक मंजर

उत्तर प्रदेश के हाथरस और एटा जिले की सीमा पर मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत…

Hathras Satsang accident: Women and children crushed in stampede, 116 killed; Know how this terrible scene happened

उत्तर प्रदेश के हाथरस और एटा जिले की सीमा पर मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। इस हादसे में 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।यह भयानक घटना हमें याद दिलाती है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा इंतजाम कितने महत्वपूर्ण होते हैं और कैसे एक छोटी सी चूक से बड़ी त्रासदी घट सकती है।


कैसे हुआ हादसा?
भोले बाबा के सत्संग में हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी, जो उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों से आए थे। सत्संग समाप्त होते ही सभी लोग तेजी से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।


एक युवती, जो इस हादसे की चश्मदीद गवाह है, ने बताया:
अचानक मची भगदड़: सत्संग खत्म होते ही भीड़ में लोग बाहर निकलने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे।
महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए: लोग अपनी जान बचाने की होड़ में एक-दूसरे को कुचलते हुए निकल रहे थे। महिलाएं और बच्चे इस भगदड़ में गिर गए और भीड़ ने उन्हें पैरों से कुचल दिया।
चीख-पुकार: चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी, कोई किसी की मदद नहीं कर रहा था।


भीड़ का अंदाजा
वाहनों का जमावड़ा: वाहनों की संख्या इतनी अधिक थी कि तीन किलोमीटर तक हाईवे किनारे खड़ी थीं। अलग से पार्किंग की व्यवस्था भी नाकाफी साबित हुई।
पहली बार हुआ था इतना बड़ा आयोजन: गांव रतिभानपुर के निवासी प्रमोद यादव ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का सत्संग में शामिल होना पहली बार हुआ था।


सुरक्षा और प्रशासनिक चूक
सुरक्षा इंतजामों की कमी: इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए कोई पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।
प्रशासन की भूमिका: हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है और इसके पीछे क्या चूकें हुईं, यह अभी बड़ा सवाल है।


जाँच की मांग
इस हादसे की भयावहता और जिम्मेदारों की पहचान के लिए प्रशासन से कड़ी जाँच की मांग की जा रही है। विपक्ष इस मामले को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।