Lucknow: नाराज किसानों ने गोमती में लगाई छलांग तो दरोगा बोले,”प्रदर्शन नहीं नाटक कर रहे हैं सब…”

लखनऊ के इटौंजा में पट्टा पत्रावलियों की मांग को लेकर किसानों ने जल समाधि लेने का निर्णय कर चौपाल लगाई थी। इसके बाद वह सब…

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लखनऊ के इटौंजा में पट्टा पत्रावलियों की मांग को लेकर किसानों ने जल समाधि लेने का निर्णय कर चौपाल लगाई थी। इसके बाद वह सब नदी में कूद गए। अधिकारियों को काफी मशक्कत के बाद पौने घंटे बाद वह सब नदी से बाहर निकले।

इटौंजा के गोमती किनारे शनिवार को किसान प्रदर्शन कर रहे थे। एक दरोगा ने प्रदर्शन को नाटक बता दिया इससे किसान गुस्सा हो गया और उन्होंने गोमती में छलांग लगा दी। अधिकारियों के काफी मनाने के बाद करीब 5 घंटे बाद के साथ नदी से बाहर निकाल कर आए।

सुल्तानपुर, राजपुर और बहादुरपुर के 84 किसानों का आरोप है कि प्रशासन 18 महीने से उनकी निरस्त पट्टा पत्रावलियां देने में टालमटोल कर रहा है। इटौंजा से लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय और सीएम कार्यालय से बात पहुंची लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला परेशान होकर किसानों ने दीपक शुक्ला तिरंगा महाराज की अगवाई में शनिवार को बस हरी घाट गोमती पुल के नीचे जल समाधि लेने का निर्णय लिया।

महिला किसान भी शामिल

इस बात की जानकारी मिलने पर एसडीएम बीकेटी और मलिहाबाद एसीपी बीकेटी और चारों थानों की पुलिस भी वहां पहुंची । पीएसी, जल पुलिस, राजस्व कर्मी और गोताखोरों को भी बुला लिया गया। किसानों को किसी प्रकार समझा बुझाकर शांत किया गया। इसी बीच इटौंजा थाने में तैनात दरोगा धीरेंद्र राय ने किसानों से कहा कि वे नाटक कर रहे हैं। यह सुनते ही एक के बाद एक करीब 20 महिला किसानों ने गोमती में छलांग लगा दी। यह देखकर अन्य किसान भी गोमती में कूद पड़े और नदी में खड़े होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। अफसरों के काफी समझाने-बुझाने पर किसान बाहर निकले।

एसडीएम ने मांगे पट्टे के सबूत

एसडीएम बीकेटी ने किसानों से कहा कि कोई सुबूत दिखाएं कि उनको पट्टा मिला था। इसके बाद किसानों ने उनको मिलने वाली किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिखाए। किसानों ने कहा कि कई लोगों ने अपना पट्टा बेच दिया है। अगर किसानों को पट्टा नहीं मिला है तो फिर सम्मान निधि जारी करने वाले और केसीसी देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। यह सुनने के बाद एसडीएम लौट गए।