कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में ‘नैनो टेक्नोलॉजी’ पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

कुमाऊं विश्वविद्यालय के ‘नैनो साइंस एवं नैनो प्रौद्योगिकी, रसायन विज्ञान विभाग’ डीएसबी परिसर नैनीताल द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है…

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कुमाऊं विश्वविद्यालय के ‘नैनो साइंस एवं नैनो प्रौद्योगिकी, रसायन विज्ञान विभाग’ डीएसबी परिसर नैनीताल द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्घाटन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रोफेसर राकेश भटनागर ने किया तथा विश्वविद्यालय के कुलपति समेत अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रोफेसर फिलिप ने कहा कि जल की शुद्धता में क्रियात्मक कार्बन महत्वपूर्ण है यथा- जल संक्रमण को प्लाज्मा झिल्ली से साफ किया जा सकता है। आई आई टी कानपुर के प्रोफेसर देशदीप सहदेव ने एक सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार बताया जिसमे परमाणु कण देखे जा सकते हैं साथ ही उन्होंने निरीक्षण सूक्ष्मदर्शी का वर्णन भी किया जो कि आणविक स्तर के अधययन के लिये लाभप्रद है। डा. अतुल गोवर् ने कहा कि अपशिष्ट प्लास्टिक का प्रयोग ऊर्जा उत्पादन में करके प्रदूषण को कम किया जा सकता है। दूसरे दिन 45 वैज्ञानिकों ने अपने विभिन्न विषयों पर शोध व्याख्यान प्रस्तुत किये। सायं 5-6 बजे युवा वैज्ञानिकों ने अपने शोध कार्यो को पोस्टर प्रदर्शनी में भी प्रस्तुत किया ।

इस अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रोफ़ेसर ए बी मलकानी, प्रोफ़ेसर एन जी साहू, डा सोहल जावेद, डा पेनी जोशी, डा सन्तोष उपाध्याय, प्रोफ़ेसर ललित तिवारी, हिमानी तिवारी, संजय रैकवाल, कीर्ति सिंह, चेतना तिवारी, प्रोफ़ेसर चनदरा कला पंत, प्रोफ़ेसर बी एस मुरथी,डा संगीता वर्मा, कुलदीप जोशी,प्रोफ़ेसर पी सी साबुमन, सीमा, नीमा आदि उपस्थित रहे। आज तकनीकी सत्रों के आयोजन के साथ समापन समारोह आयोजित होगा।