केदारनाथ में आस्था का सैलाब, पहली बार रातभर जयकारों से गूंज रहा है धाम

भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ धाम में इस बार आस्था का सैलाब अपने चरम पर है। कपाटोद्घाटन से लेकर पहले सप्ताह…

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भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ धाम में इस बार आस्था का सैलाब अपने चरम पर है। कपाटोद्घाटन से लेकर पहले सप्ताह में यात्रा कई रिकॉर्ड बना चुकी है। सबसे खास बात है कि इस बार पहली बार गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग 24 घंटे खुला रहेगा, जिससे श्रद्धालु दिन और रात दोनों समय बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं।

गौरतलब हो, समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है। धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग 16 किमी लंबा है, जिस पर कई जगहों पर तीखी चढ़ाई है। जैसे-जैसे श्रद्धालु इस रास्ते से धाम की तरफ बढ़ते हैं, ऑक्सीजन कम होती जाती है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती है। लेकिन बाबा केदार के भक्तों का उल्लास और उत्साह अपने चरम पर है। दिनरात यात्रा संचालित हो रही है और पैदल मार्ग पर 24 घंटे यात्रियों का आवागमन हो रहा है। यात्री रात तीन बजे के बाद भी केदारनाथ से गौरीकुंड के लिए लौट रहे हैं और मध्य रात्रि के बाद पहुंच रहे हैं।

गौरीकुंड से शाम छह बजे के बाद भी यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हो रहे हैं। लखनऊ से सहेली के साथ दर्शन को पहुंची प्रिया ने बताया, 15 मई को केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन के बाद वह दोपहर 2.45 बजे गौरीकुंड के लिए रवाना हुईं और रात्रि 1.30 बजे गौरीकुंड़ पहुंचीं। इस दौरान लिनचोली, भीमबली और जंगलचट्टी में पुलिस के जवान तैनात मिले। कई जगहों पर मध्य रात्रि तक दुकानें खुली रहीं।

मध्य प्रदेश के प्रीतम अवस्थी, गाजियाबाद के अंकुर मौर्य ने बताया, वह आपदा के बाद तीसरी बार केदारनाथ पहुंचे हैं, लेकिन पहला मौका है, जब केदारनाथ की यात्रा पूरी रात चल रही है। बताया, 17 मई को शाम पांच बजे केदारनाथ से सोनप्रयाग के लिए निकले और रात्रि दो बजे गौरीकुंड पहुंचे।

बता दें, केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के बाद आठ दिनों में दर्शनार्थियों का आंकड़ा 2.15 लाख से अधिक पहुंच गया है। इन दर्शनार्थियों में 1.54 लाख लोग पैदल मार्ग से धाम पहुंचे हैं, जबकि 1,851 श्रद्धालु डंडी-कंड़ी और 47,806 श्रद्धालु घोड़ा-खच्चर से केदारनाथ पहुंचे हैं। बाबा केदार की यात्रा में आठ दिनों में 10,070 श्रद्धालु हेलीकाॅप्टर से धाम पहुंच चुके हैं, जबकि 9,500 से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर वापस लौटे हैं। इस बार केदारनाथ यात्रा में आठ हेली कंपनियों के नौ हेलीकाॅप्टर केदारघाटी के अलग-अलग हैलिपैड से धाम के लिए उड़ान भर रहे हैं।

केदारनाथ में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बाबा के भक्तों को सभामंडप से ही स्वयंभू लिंग के दर्शन कराए जा रहे हैं। यहां कपाट खुलने के बाद से प्रतिदिन औसतन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंच रहे हैं, जो यात्रा में नया रिकॉर्ड है। बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया, सुबह चार बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो अपराह्न तीन बजे तक चल रहे हैं। इसके बाद भगवान केदारनाथ को भोग लगाया जा रहा है, जिसके लिए लगभग 40 मिनट मंदिर को बंद रखा जा रहा है। साफ-सफाई के बाद पुन: 3.45 बजे से शाम सात बजे तक धर्म दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके बाद सांयकालीन आरती के बाद श्रद्धालु बाबा के शृंगार दर्शन कर रहे हैं।