हरेश्वर महादेव : काली कुमाऊं का उच्च न्यायालय

काली कुमाऊं में न्याय के देवता के रूप में जाने जाते हैं हरेश्वर महादेव काली कुमाऊं के वासियों का उच्च न्यायालय हरेश्वर महादेव नकुल पंत…

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काली कुमाऊं में न्याय के देवता के रूप में जाने जाते हैं हरेश्वर महादेव

काली कुमाऊं के वासियों का उच्च न्यायालय हरेश्वर महादेव

नकुल पंत

लोहाघाट।काली कुमाऊं के लोगों के लिए हरेश्वर महादेव का प्रमुख स्थान है । इसे काली कुमाऊँ के न्यायालय भी कहते है। यह क्षेत्र एक विशेष प्रकार की आध्यात्मिक तरंग तथा शांति के लिए विशेष माना जाता रहा है ।

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में चंपावत जिले के विकासखंड लोहाघाट से 15 किलोमीटर दूर दिगालीचौड़ नामक स्थान से ढाई किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर बाबा हरेश्वर महादेव पहुंचा जा सकता है। मंदिर में बाबा हरेश्वर महादेव का शिवलिंग स्थापित है। साथ ही मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर बेताल बाबा का मंदिर स्थित है।इस स्थान से लोहाघाट नगर से बहने वाली नदी लोहावती भी होकर गुजरती है। नदी तट पर स्थित बेताल बाबा के मंदिर के तालाब के निकट बड़ा सा पत्थर है।यहीं पर हरेश्वर के परम गण बेताल का निवास स्थान है।


इस मंदिर से मुख्य गुफा मंदिर बूढा हरेश्वर कि दूरी 3 किलोमीटर है। इस मंदिर में एक परम मनोहर गुफा स्थित है जहाँ शिवलिंग भी स्थापित है। इस दिव्य स्थली में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है।

कहा जाता है कि जब महादेव के हाथ से माता सती के सारे अंग पृथ्वी पर गिर गए तब वह सती वियोग से जागे। उनकी इच्छा एकांत ध्यानस्थ होने की हुई तो वह इस गुफा में ध्यानमग्न हो गए।


इस पवित्र शिवलोक में कैसा ही मनुष्य पहुंच जाय वह काम क्रोध लोभ मोह अहंकार से दूर हो जाता है। मान्यता है कि सर्वप्रथम यहां पर श्रीहरि ने शिव भगवान का पूजन किया।इसीलिए इस स्थान का नाम हरेश्वर पड़ा। यहां पर हरेश्वर महादेव के साथी देवता बेताल भी शिव रूप में पूजे जाते हैं। यहां के क्षेत्रीय लोग शिव जी के गण स्वरूप बेताल देवता को न्यायकारी देवता मानते हैं।

यदि किसी व्यक्ति के साथ कोई अन्याय होता है और वह व्यक्ति अपनी परेशानी को हरेश्वर महादेव को मन एवम श्रद्धा से देवता के समक्ष पुकार लगाता है तो शिव स्वरूप बेताल अवश्य न्याय करते हैं। अतः फिर अन्याय करने वाले को अनेक व्याधियों का सामना करना होता है और फिर वह हरेश्वर बेताल में पहुंचकर देवता से माफी मांग पूजन करता है।

फलस्वरुप वर्ष भर में यहां हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं और यह मंदिर समूचे काली कुमाऊं की परम आस्था का स्थल है जो खासकर न्याय दिलाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता रहा है।

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