उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर हुआ बड़ा निर्णय, अब तय समय पर ही होंगे निकाय चुनाव

हाई कोर्ट में सरकार का कहना है कि प्रशासकों का अब कार्यकाल बढ़ाया नहीं जाएगा। हाई कोर्ट में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले…

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हाई कोर्ट में सरकार का कहना है कि प्रशासकों का अब कार्यकाल बढ़ाया नहीं जाएगा। हाई कोर्ट में नगर निकायों के चुनाव कराने के मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुल कर का कहना है कि नगर निकायों में प्रशंसकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा। चुनाव समय के भीतर ही करवाए जाएंगे।

पूर्व में निर्धारित समय अवधि 6 माह के भीतर ही नगर निकाय की चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। महाधिवक्ता की ओर से एक समय के बाद 6 माह के भीतर नगर निकाय की चुनाव प्रक्रिया कर ली जाएगी। महाधिवक्ता की ओर से दिए गए इस वक्तव्य के बाद मुख्य न्यायाधीश रितू बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।

जसपुर निवासी मोहम्मद अनस, नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य में निकायों में प्रशासक नियुक्त करने को चुनौती देते हुए शीघ्र निकाय चुनाव कराए जाने की मांग की थी। हाई कोर्ट के आदेश 9 जनवरी 2024 के अनुसार महाधिवक्ता ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया 6 माह के भीतर पूरी हो जाएगी और निकायों में नियुक्त प्रशंसकों का कार्यकाल उत्तराखंड नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 10 ए (4) के तहत छह माह की अवधि से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा।

इन याचिकाओं की 16 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई की गई। सुनवाई में महाधिवक्ता ने कहा कि नगर निकायों की चुनाव प्रक्रिया चल रही है और चुनाव में कोई बदलाव नहीं होगा। चुनाव समय पर ही होंगे। इस आदेश के बाद अब प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है और इसके साथ ही राजनीतिक गतिविधियां भी और बढ़ गई है