धुंध की चादर में लिपटा हिमालय, पर्यटकों की उम्मीदों पर फिरा पानी

पिथौरागढ़ में लंबे समय से बारिश न होने और जंगलों में आग लगने के कारण वातावरण में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। इससे…

IMG 20240420 WA0003

पिथौरागढ़ में लंबे समय से बारिश न होने और जंगलों में आग लगने के कारण वातावरण में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। इससे दृश्यता बेहद कम हो गई है और हिमालय की चोटियाँ नज़रों से ओझल हो गई हैं। इस वजह से पर्यटकों को भारी निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब हो, इस समय चौकोड़ी, मुनस्यारी सहित जिले की व्यास और दारमा घाटी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुँच रहे हैं। आमतौर पर सतगढ़ से लेकर गुड़ौली तक पंचाचूली का विहंगम दृश्य दिखाई देता है, लेकिन धुंध के कारण पर्यटक हिमालय की एक झलक भी नहीं देख पा रहे हैं। धुंध के कारण दूर के पहाड़ तो क्या, नजदीक की पहाड़ियाँ भी नज़रों से ओझल हो गई हैं।

मौसम विज्ञानी डॉ. चेतन भट्ट के अनुसार, वातावरण में धूल और कार्बन के कणों की मौजूदगी के कारण धुंध छा जाती है। जंगलों में आग लगने से यह समस्या और बढ़ गई है। बारिश होने पर ही धुंध छंटने की उम्मीद है।

बता दे, स्थानीय लोगों का कहना है कि धुंध के कारण न केवल पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। सांस लेने में तकलीफ और आँखों में जलन की शिकायतें बढ़ रही हैं।

धुंध की समस्या से निपटने के लिए जंगलों में आग पर काबू पाना और वायु प्रदूषण को कम करना आवश्यक है। साथ ही, बारिश के लिए भी प्रार्थना करनी होगी ताकि धुंध की चादर हट सके और हिमालय की खूबसूरती एक बार फिर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सके।