स्वास्थ्य विभाग ने बाहरी राज्यों को भेजी SOP, चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों को दिए गए विस्तृत दिशा-निर्देश

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हिंदी और अंग्रेजी के साथ गुजराती,…

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चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हिंदी और अंग्रेजी के साथ गुजराती, मराठी, तेलगू और अन्य नौ स्थानीय भाषाओं में प्रमुखता रखते हुए मानक प्रचलन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है। यह भाषाओं के माध्यम से यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देश प्रदान करेगी, जो इस वर्ष की चारधाम यात्रा को अनुकरणीय बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

इस साल की चारधाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग ने पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। यह पंजीकरण विवरणों को संकलित करेगा और यात्रियों की यात्रा की व्यवस्था में मदद करेगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी चारधाम यात्रियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने की तैयारियों की शुरुआत कर दी है।

चारधाम यात्रा के धामों में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री उन्ची हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, जहां संख्या में अर्धांशक हाई आल्टीट्यूड में संख्या होती है। इन क्षेत्रों में ठंड, कम आर्द्रता, अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन, वायुमंडल में दबाव कम होने और ऑक्सीजन की कमी के कारण स्वास्थ्य पर उल्टे प्रभाव पड़ते हैं। स्वास्थ्य विभाग एसओपी में यात्रियों को सलाह देता है कि वे चारधाम यात्रा की योजना का निर्माण करें और इसके लिए कम से कम 7 दिनों का समय निकालें। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पेशवाई मार्ग पर पैदल चढ़ते समय हर 1 या 2 घंटों के बाद 5 से 10 मिनट आराम करना चाहिए। यह आराम यात्रीयों को श्वसनीयता देने में सहायता करेगा।

यात्रा के लिए गर्म कपड़े और बरसात से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर जैसे स्वास्थ्य मापक उपकरणों को साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह जैसी बीमारियों से प्रभावित यात्रियों को अपनी जरूरत की दवाएं और डॉक्टर के संपर्क का नंबर साथ रखना चाहिए। यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, उल्टी के मामले में नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल रिलीफ पर जाकर प्राथमिक उपचार करवाएँ।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह साल की चारधाम यात्रा के लिए 11 भाषाओं में एसओपी तैयार की गई है। इसमें हिंदी और अंग्रेजी के साथ नौ स्थानीय भाषाएं शामिल हैं। इस SOP को बाहरी राज्यों को भेज दिया गया है जिससे कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने में मदद मिल सके।