अगर आपकी भी इनकम है ₹700000 तो नहीं कटेगा आपका इनकम टैक्स, जाने इस फार्मूले को

हर व्यक्ति को इनकम टैक्स भरना चाहिए। चाहे वह इनकम टैक्स स्लैब में आता हो या ना आता हो। इनकम टैक्स बनने की पुरानी व्यवस्था…

n600359824171317784943178ff4e54775d571e929b923a6313e6103c64639073d7712eb4ecfb31efe4eb59

हर व्यक्ति को इनकम टैक्स भरना चाहिए। चाहे वह इनकम टैक्स स्लैब में आता हो या ना आता हो। इनकम टैक्स बनने की पुरानी व्यवस्था के मुताबिक ढाई लाख रुपए तक की आय वाले को कोई टैक्स नहीं देना होता है लेकिन नहीं टैक्स प्रणाली के मुताबिक ₹300000 तक की आय वाले को टैक्स नहीं देना होता है। अगर आपकी आय 7 लाख रुपए भी है तो भी आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

इनकम टैक्स रिटर्न

कोई भी व्यक्ति पुरानी या नहीं किसी भी प्रणाली के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल कर सकता है। मान लीजिए किसी व्यक्ति की सालाना आय 7:50 लाख रुपए है वह दोनों व्यवस्थाओं के तहत अपना कर इस प्रकार शून्य कर सकता है:-

पुरानी व्यवस्था के अनुसार

एचआरए में 50 हजार रुपये की छूट मिलेगी।

50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।

80C में निवेश कर 1.50 लाख रुपये बचाए जा सकते हैं।

इन सभी चीजों को काटने के बाद 12,500 रुपये की टैक्स देनदारी बनेगी जिस पर इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत छूट मिलेगी।

इस तरह 7.50 लाख रुपये की सालाना सैलरी पर भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।

नई व्यवस्था के अनुसार

50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।

बाकी रकम पर 25,000 रुपये की टैक्स देनदारी होगी, जिस पर इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत छूट मिलेगी।

इस तरह नई व्यवस्था के तहत 7.50 लाख रुपये की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

पुरानी व्यवस्था किसके लिए सही है?

जो लोग अपनी बचत को जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा या अन्य कर बचत योजनाओं में निवेश करते हैं।

अगर आपने घर के लिए लोन लिया है और उसकी ईएमआई चल रही है।

आप 80G के तहत दान करके कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

नई व्यवस्था किसके लिए सही है?
अगर आपकी नई नौकरी है और वेतन कम है और आप निवेश नहीं कर पाए हैं तो नई व्यवस्था आपके लिए सही है वहीं अगर आप पुराने कर्मचारी है और आपने अभी तक किसी प्रकार का कोई निवेश नहीं किया है और ना ही आप पर किसी प्रकार का ऋण है तो भी यह प्रणाली आपके लिए सही है

टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है

आपने अभी तक आयकर दाखिल नहीं किया है तो आप आयकर दाखिल करते समय इस चुन सकते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न हर साल किसी भी सिस्टम के तहत दाखिल किया जा सकता है।