Iftar Drink Viral:जानिए आखिर रमजान के महीने में क्यों फेमस है रूह अफजा, किसने बनाया इसे, जाने इसके पीछे का मजेदार किस्सा

Iftar Drink Viral: भारत में जैसे ही गर्मी का मौसम आता है सड़क किनारे कई सारे शरबत और ठंडा ड्रिंक दुकानों में बिकने लगते हैं…

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Iftar Drink Viral: भारत में जैसे ही गर्मी का मौसम आता है सड़क किनारे कई सारे शरबत और ठंडा ड्रिंक दुकानों में बिकने लगते हैं लेकिन जब बात रमजान के इफ्तार की होती है तो दक्षिण एशिया में एक लाजवाब परंपरा का बोलबाला है। वह है रूह अफजा, ताजगी से भरपूर खुशबू यह लाल रंग का मशहूर ड्रिंक गुलाब की खुशबू से भरा हुआ होता है और यह सभी को आपस में जोड़ता भी है और पवित्र महीने का जश्न मनाने के लिए परिवारों और समुदायों को एक साथ लाता है।

कहानी एक सदी से भी ज्यादा पुरानी

रूह अफ्जा की कहानी एक सदी से भी ज्यादा पुरानी है। इसकी शुरुआत दिल्ली में हुई थी। इसे बनाने वाले हकीम हाफिज अब्दुल मजीद थे, जो दिल्ली में यूनानी चिकित्सा पद्धति के जानकार भी थे। उन्हें तेज गर्मी से राहत देने वाला ठंडा पेय बनाने की इच्छा थी।

फलों, जड़ी बूटियों और फूलों के अर्क

इसी सोच के साथ उन्होंने फलों जड़ी बूटियां और फूलों का अर्क तैयार किया। इसमें गुलाब और पान की खुशबू भी आती है। इस स्वादिष्ट पेय का नाम बिल्कुल सटीक रखा गया रूह अफजा जिसका मतलब होता है रूह को तरोताजा करने वाला ड्रिंक

दक्षिण एशिया सहित विदेशों में भी लोकप्रिय

दिल्ली की गर्मी से से राहत दिलाने के लिए यह रूह अफजा पूरे दक्षिण एशिया विदेश और कड़ी में बहुत लोकप्रिय है। हमदर्द लेबोरेटरीज की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सन 1906 में हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने पुरानी दिल्ली में एक यूनानी क्लिनिक खोला था, जिसका नाम “हमदर्द” था।

भारत-पाकिस्तान में पसंदीदा

यहीं पर 1907 में शरबत रूह अफजा बनाया गया। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बावजूद रूह अफजा एक सदी से भी ज्यादा समय से दक्षिण एशिया का पसंदीदा गर्मियों का ड्रिंक है।

दो बेटों ने बनाया बिजनेस

राष्ट्रीय जनपद रेडियो (National Public Radio) के अनुसार, मजीद के गुजर जाने के बाद उनकी पत्नी और दो बेटों ने ये व्यापार संभाला। 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ, तो उनका एक बेटा दिल्ली में रहा, जबकि दूसरा बेटा पाकिस्तान चला गया। उन्होंने दोनों देशों में और साथ ही बांग्लादेश बना में दो अलग-अलग कंपनियों के नाम पर कारखाने खोले।