जानिए क्या कहा नीतीश कुमार ने जब जेडीयू के ऑफिस के बाहर कोई छोड़ गया 10 करोड रुपए का इलेक्टोरल बांड

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल ने चुनाव आयोग को बताया कि 2019 में किसी ने उनके कार्यालय के बाहर 10 करोड रुपए के…

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नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल ने चुनाव आयोग को बताया कि 2019 में किसी ने उनके कार्यालय के बाहर 10 करोड रुपए के चुनावी बांड एक लिफाफे में छोड़ दिए थे जिसे पार्टी ने कुछ ही दिनों में भुना लिया था लेकिन दानदाताओं के बारे में आज तक कोई जानकारी नहीं मिली।

चुनाव आयोग ने रविवार को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सैकड़ो सील बंद लिफाफों के बारे में जानकारी को सार्वजनिक किया। बिहार की सत्तारूढ पार्टी द्वारा इलेक्शन कमीशन के पास की गई फाइलिंग से पता चला कि कल 24 करोड रुपए से अधिक के चुनावी बांड उन्हें मिले थे।

पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि उसे भारती एयरटेल और श्री सीमेंट से एक करोड़ और दो करोड रुपए के इलेक्टोलर बांड प्राप्त हुए। एक अन्य फाइलिंग में जेडीयू ने चुनावी बांड के माध्यम से कुछ 24.4 करोड रुपए के चंदे के बारे में बताया। पार्टी के मुताबिक उसे प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड में से कई हैदराबाद और कोलकाता स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखों से जारी किए गए थे और कुछ पटना स्थित एसबीआई ब्रांच से जारी किए गए।

हालांकि, ईसीआई को सबसे दिलचस्प फाइलिंग जेडीयू के बिहार कार्यालय द्वारा की गई। इसमें बताया गया है कि 3 अप्रैल 2019 को पटना जदयू कार्यालय में 10 करोड रुपए का चुनावी बांड प्राप्त हुआ था लेकिन यह चंदा किसने दिया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं पता चली ना ही जानने की कोशिश की गई क्योंकि उसे समय सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के कोई आदेश नहीं थे। जेडीयू ने चुनाव आयोग से कहा कि कोई व्यक्ति 3-4- 2019 को पटना में हमारे कार्यालय में आया और एक सील बंद लिफाफा दे गया और जब हमने इसे खोला तो इसमें एक करोड रुपए के 10 चुनावी बांड मिले।

जेडीयू ने कहा भारत सरकार की गजट आदि सूचना के अनुसार हमने पटना के मुख्य एसबीआई ब्रांच में खाता खोला और चुनावी बांड को जमा किया। इसका पैसा 10- 4- 2019 को हमारी पार्टी के खाते में आ गया। स्थिति को देखते हुए हम दानदाताओं के बारे में अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि श्री सीमेंट और भारती एयरटेल से उसे इलेक्टोलर बांड के जरिए फंड प्राप्त हुआ।

समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव आयोग को बताया कि डाक द्वारा उसे 10 बांड प्राप्त हुए लेकिन देने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने बताया कि उसे  एसके ट्रेडर्स, सैन बेवरेजेज, एके ट्रेडर्स, केएस ट्रेडर्स, बीजी ट्रेडर्स और एएस ट्रेडर्स से चुनावी बांड के जरिए चंदा प्राप्त हुआ।