जानिए आखिर क्या है इस गांव की परेशानी, कि 43 परिवार यहां से कर गए पलायन

बागेश्वर के गरुड़ ब्लॉक का गांव दरणा है। जहां ग्रामीणों को सड़क बनाने की उम्मीद तो दिखाई गई लेकिन फिर उस उम्मीद को कभी पूरा…

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बागेश्वर के गरुड़ ब्लॉक का गांव दरणा है। जहां ग्रामीणों को सड़क बनाने की उम्मीद तो दिखाई गई लेकिन फिर उस उम्मीद को कभी पूरा नहीं किया गया। सालों गुजर गए सड़क देखने के लिए मगर ग्रामीणो के हिस्से में सिर्फ मायूसी आई। सड़क न बनने का नतीजा यह हुआ कि इस गांव से 43 परिवार मजबूरन पलायन कर गए। गांव में अब सिर्फ 36 परिवार ही बचे हैं।

साढ़े तीन किमी देवनाई दरणा-अणां सड़क को 2014 में मंजूरी मिल गई थी। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने 6 साल पहले इस सड़क का निर्माण करने का अनुष्ठान शुरू किया था। एक किलोमीटर सड़क काटने के बाद निर्माण कार्य बंद हो गया। तब कहा गया कि सड़क निर्माण में चीड़ के पेड़ बाधा बना रहे हैं। इसकी फाइल केंद्रीय वन मंत्रालय के पास गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सड़क बनेगी तब से आज तक यहां कुछ नहीं हुआ।

गांव के देव सिंह किरमोलिया, मनोहर सिंह, दर्शन चंद्र, करन सिंह, सुमित सिंह ने कहा कि कई बार प्रांतीय खंड लोनिवि ने सर्वे कर लिया है लेकिन सड़क का काम फिर शुरू नहीं हो पा रहा है। हर चुनाव में निर्माण कार्य शुरू कराने का आश्वासन मिलता है। इसके बाद कोई झांकने नहीं आता।

जाने क्या है उनकी परेशानी

दरणा गांव में जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे प्राथमिक इलाज के लिए सीएचसी बैजनाथ तक डोली में लाने के लिए गांव में युवा नहीं मिलते हैं। ग्रामीणों को सड़क से सामान लाने और ले जाने में परेशानी होती है। शादी ब्याह में भी यह परेशानी बढ़ जाती है।

दरणा गांव को मार्ग से जोड़ने की वर्षों पुरानी मांग है। गांव में रास्ते की सुविधा न होने के कारण गांव के 43 परिवार यहां से जा चुके हैं लोकसभा चुनाव से पूर्व मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो लोग इस चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
-मुन्नी देवी, ग्राम प्रधान दरणा कोलतुलारी गरुड़

पूर्व विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी ने चुनाव संपन्न होने के बाद गांव को मोटर मार्ग से जोड़ने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था। तब ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय वापस लिया था।
– राजेंद्र सिंह किरमोलिया, सामाजिक कार्यकर्ता

अपने जीवन काल में गांव को सड़क से जुड़ा हुआ देखना चाहते हैं। सड़क नहीं होने से गांव के लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। गांव सड़क से नहीं जुड़ी तो गांव के अन्य लोग भी यहां से चले जाएंगे।
-दीवान सिंह किरमोलिया, वरिष्ठ नागरिक, दरणा कोलतुलारी

दरणा गांव को सड़क से जोड़ने के लिए विधायक पार्वती दास, सांसद अजय टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष बंसती देव से प्रयास करने की अपील करता हूं। गरुड़ के 95 फीसदी गांव मोटर मार्ग से जुड़ गए हैं। इस गांव को भी लाभ मिलना चाहिए। – घनश्याम जोशी।

इसको लेकर अब सभी लोगों ने अपने-अपने पक्ष भी रखे हैं-

लोनिवि का पक्ष-़
साढ़े तीन किमी देवनाई दरणा, अणां सड़क मार्ग की फाइल केंद्रीय वन मंत्रालय में है। वन मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। -पीएस कुटियाल, ईई, प्रांतीय खंड लोनिवि।

वन विभाग का पक्ष-
एनपीबी वन नुकसान का लोनिवि ने 37 लाख जमा कर दिया है। स्वीकृत रोड की फाइल केंद्रीय वन मंत्रालय में पड़ी है। सड़क निर्माण में चीड़ के पेड़ बाधा बन रहे हैं।- उमेश चंद्र तिवारी, डीएफओ, बागेश्वर।