क्रिप्टो प्लेटफॉर्म को लगा बड़ा झटका , केंद्र सरकार ने कार्रवाई कर यूआरएल किए ब्लॉक

केंद्र सरकार द्वारा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर कड़ी कार्रवाई की गई है। देश में बायनेंस और ओकेएक्स समेत कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के साथ ही कई वेबसाइट्स…

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केंद्र सरकार द्वारा क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर कड़ी कार्रवाई की गई है। देश में बायनेंस और ओकेएक्स समेत कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के साथ ही कई वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। जिसका नोटिस वित्त मंत्रालय ने बेयनेंस समेत 9 ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स को दिसंबर 2023 के आखिरी में भेज दिया था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी इनके युआरएल ब्लॉक करने को भी कहा था। वित्त मंत्रालय का आरोप है कि यह क्रिप्टो प्लेटफार्म स्थानीय मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का पालन किए बिना भारत में अवैध रूप से कामकाज कर रहें हैं।

वित्त मंत्रालय ने बायनेस हुओबी , कारकेन, बिट्रेक्स, बिटस्टेंप, और बिटफिनेक्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

मनी कंट्रोल के मुताबिक बायनेंस, कुकोइन और okx समेत इसमें से कुछ क्रिप्टो प्लेटफार्म को भारत में ब्लॉक कर दिया गया है। दो दिन पूर्व इन क्रिप्टो प्लेटफार्म को देश में एप्पल एप स्टोर से हटा दिया गया था।

बाइनेंस के कस्टमर सपोर्ट हैंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा हम एक आईपी ब्लॉक के बारे में जानते है जो बायनेंस समेत कई क्रिप्टो फर्म्स को प्रभावित कर रहा है। यह केवल उन यूजर्स को प्रभावित कर रहा है, जो भारत से भारतीय ios एप स्टोर या बायनेंस वेबसाइट को एक्सेस करने की कोशिश कर रहें हैं। ऐसे यूजर्स जिनके पास पहले से ही यह एप है उन लोगों कर इसका असर नहीं होगा।

Binance ने दावा किया कि सभी यूजर के फंड्स सुरक्षित हैं।इनवेस्‍टर अपने फंड तक कंपनी के X हैंडल पर डायरेक्ट मैसेज के माध्यम से पहुंच सकते है। बायनेंस ने कहा है कि वे भारत के नियमों और कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यूजर प्रोटेक्शन और एक स्वस्थ वेब3 उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए रेगुलेटर्स के साथ लगातार संपर्क में हैं।
28 दिसंबर को जारी एक बयान में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि भारत में ऑपरेशनल ऑफशोर और ऑनशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स जो वर्चुअल डिजिटल एसेट्स व फिएट मुद्राओं के एक्सचेंज, ट्रांसफर, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या इंस्ट्रूमेंट्स के एडमिनिस्ट्रिशेन जैसी गतिविधियों में शामिल हैं, उन्हें फाइनेंशिनेंयल इंटेलीजेंस यूनिट-इंडिया के साथ रजिस्टर होना होगा। साथ ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों का भी पालन करना होगा।